Watershed Yatra: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वॉटरशेड यात्रा का शुभारंभ किया है।जिसमें चेक डेम, बोरी बंधान, मेढ़ बंधान, खेत, तालाब समेत अनेक संरचनाएं बनाई जाएंगी। ये संरचनाएं पानी भी बचाएंगे और मिट्टी को बहने से भी रोकेंगे। सतही जल भी बहकर नहीं जाएगा और भूजल स्तर भी बढ़ेगा।
भोपाल / नई दिल्ली .
Watershed Yatra: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री (Union Agriculture and Rural Development Minister Shivraj Singh Chauhan) शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से वाटरशेड यात्रा (Watershed Yatra ) का शुभारंभ किया। कृषि मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वाटरशेड यात्रा (Watershed Yatra) को रवाना किया। वॉटरशेड यात्रा में चेक डेम, बोरी बंधान, मेढ़ बंधान, खेत और तालाब आदि जैसी अनेक संरचनाएं बनाई जाएंगी। जिनसे पानी बचेगा और मिट्टी का क्षरण भी रुकेगा। सतही जल भी बहकर बर्बाद नहीं होगा। जिसकी वजह से भू-जल स्तर (ग्राउंड वॉटर लेवल) बढ़ेगा। इस अवसर पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जल ही हमारे जीवन का आधार है। जल है तो जीवन है। हम माटी से पैदा हुए हैं अंत समय में माटी में मिलते हैं। माटी हमारा अस्तित्व और आधार है।
केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री (Union Agriculture and Rural Development Minister Shivraj Singh Chauhan) शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वाटरशेड यात्रा (Watershed Yatra) अभियान में 805 परियोजनाओं में लगभग 60 से 90 दिनों तक वाटरशेड यात्रा वैन चलेगी। जो 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 6 हजार 673 ग्राम पंचायतों के 13 हजार 587 गांवों तक जाएगी। वाटरशेड यात्रा अभियान में 1509 ग्राम सभाएं आयोजित की जाएगीं। इसके साथ ही 1640 प्रभात फेरियां भी निकाली जाएंगीं। इस अभियान में 2043 स्थानों पर भूमिपूजन और 1999 कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा। 1196 स्थानों पर श्रमदान और 557 स्थानों पर बागवानी पौधरोपण किया जाएगा।

Watershed Yatra: भूजल स्तर भी बढ़ेगा (Groundwater level will also increase)
केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वॉटरशेड यात्रा (Watershed Yatra) के जरिये देश में चेक डैम, बोरी बंधान, मेढ़ बंधान, खेत तालाब जैसी कई संरचनाएं बनाए जाने की योजना है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि ये संरचनाएं पानी भी बचाएंगे और मिट्टी का क्षरण भी रोंकेंगी। बारिश का पानी यूं ही नहीं बहेगा। जिससे भूजल स्तर भी बढ़ेगा। इसलिए वॉटरशेड यात्रा में जनभागीदारी की अपील की है।
Watershed Yatra का ये है शेड्यूल (This is the schedule of Watershed Yatra)
बता दें कि वॉटरशेड यात्रा की वैन 39 चलेंगी। वॉटरशेड यात्रा (Watershed Yatra) 60 से 90 दिन तक चलेगी। जिसमें वॉटरशेड मार्गदर्शक भी बनाए गए हैं। हर दिन मोबाइल वैन दो लोकेशन पर जाएंगी। ये वॉटरशेड वैन हर गांव में तीन घंटे रुकेंगी। जिसके बाद गांव में भूमिपूजन, श्रमदान और वृक्षारोपण होगा। इस दौरान वॉटरशेड मार्गदर्शक, पथदर्शक और स्थानीय काम करने वाले लोग पुरस्कृत किए जाएंगे। इसमें जो अच्छा काम करेंगे। उन्हें 20 लाख रुपये की राशि तक का पुरस्कार दिया जाएगा। मध्य प्रदेश की बात करें तो ये यात्रा दो रूट पर चलेगी। मंत्रालय ने मध्यप्रदेश को चार वैन अलॉट की हैं।

Watershed Yatra का मध्य प्रदेश में रूट (Route of Watershed Yatra in Madhya Pradesh)
मध्य प्रदेश में वॉटरशेड यात्रा (Watershed Yatra) का रूट तय किया जा चुका है। मध्य प्रदेश में पहली वॉटरशेड यात्रा शाजापुर से शुरू होगी। जो मंदसौर, नीमच, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, इंदौर, देवास, खंडवा, सीहोर, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, जबलपुर,मंडला से होते हुए डिंडोरी में खत्म होगी। इसके बाद वॉटरशेड यात्रा (Watershed Yatra) का दूसरे रूट ग्वालियर से शुरू होगा। जो मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, विदिशा, सागर, दमोह, कटनी, उमरिया, अनूपपुर शहडोल, सीधी,रीवा से होकर टीकमगढ़ में खत्म होगा। ऐसे में ये यात्रा मध्यप्रदेश के ज्यादातर जिलों को कवर करती हुई। लगभग हर संभाग में वॉटरशेड यात्रा प्रवेश करेगी।
Watershed Yatra: NGO, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को जोड़े जाएंगे (NGOs, self-help groups will be connected)
केंद्रीय मंत्री (Union Minister Shivraj Singh Chouhan) शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वॉटरशेड यात्रा (Watershed Yatra) विशेष अभियान को जन आंदोलन बनाने पर पूरा फोकस है। जन-जन इससे जुड़े और अपनी भागीदारी करें। इसलिए हर गांव, हर किसान, हर पंचायत, जनप्रतिनिधि, माता, बहनों, NGO, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को जोड़ने के निर्देश दिए हैं। हम जनता के सहयोग से जल संरचनाएं बनाएं, माटी के संरक्षण की योजनाएं बनाएं. वाटरशेड यात्रा अभियान में पानी और माटी बचाने के लिए जनजागरण अभियान चलेगा। वॉटरशेड यात्रा अभियान में किए गए कामों का लोकार्पण भी होगा। नए कामों का भूमिपूजन (Bhoomi Pujan) भी किया जाएगा।
Watershed Yatra: भू जल स्तर कई जगहों पर ग्राउंड वाटर लेवल नीचे पहुंचा (Ground water level has gone down in many places)
केंद्रीय कृषि मंत्री (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि जल और मिट्टी दोनों ठीक दशा में ना रहें तो हमारी जिंदगी की दशा क्या होगी? हमारी आने वाली पीढ़ियों का क्या होगा? हमारे प्रधानमंत्री दूरदर्शी हैं। पीएम मोदी (PM Modi) आने वाले 50 साल और 100 साल की सोचते हैं। पीएम मोदी की सोच आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के बारे में हैं। बिगड़े पर्यावरण के कारण भूजल का स्तर क्या रह गया है? कई जगह पानी हजार से डेढ़ हजार फीट के नीचे चला गया है। देश की बात करें तो कुछ वर्षों पूर्व नदियां बहती थीं। कुएं के ऊपर तक पानी रहता था। आज कुएं सूख गए हैं। नदियों की धार खत्म हो गई। आने वाले कल में हमारी पीढ़ियां कैसे जीवित रहेंगी। इस बारे में सोचना पड़ेगा। पानी आज विश्व का सबसे बड़ा मुद्दा है। हमें पानी बचाना है तो भूजल स्तर ठीक करना होगा। घाटों का क्षरण हो रहा है। कई जगह जमीन बंजर हो रही है। उपजाऊ माटी (Fertile soil) बह रही है।
Watershed Yatra: वॉटरशेड महोत्सव का होगा आयोजन (Watershed Mahotsav will be organized)
इस वॉटरशेड यात्रा (Watershed Yatra) के दौरान पानी और माटी बचाने के लिए जनजागरण अभियान चलेगा। वॉटरशेड यात्रा (Watershed Yatra) में पूरे किए गए कामों का लोकार्पण होगा। नए कामों का भूमिपूजन किया जाएगा। वॉटरशेड महोत्सव मनाया जाएगा। वॉटरशेड पंचायत उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित करेगी। ये वॉटरशेड यात्रा देशभर में जलसंचयन और भूमि संरक्षण को बढ़ावा देगी। पानी और माटी बचाने के लिए ग्रामीण जनता को एक मंच भी प्रदान करेगी ।
Leave a comment