Weather Update: उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब में सरसों की बुवाई का उचित समय सरसों की किस्म के हिसाब से सितंबर मध्य से लेकर अक्टूबर अंत तक का होता है। कहें तो सरसों की बुवाई 25 सितंबर से 15 अक्टूबर और सिंचित क्षेत्रों में 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच करनी चाहिए।
आगरा, उत्तर प्रदेश
मौसम का मिजाज (weather change) बदला हुआ है। एक बार फिर आसमान में काले बादल छाये और ठंडी हवाएं चल रही हैं। जिसका डर किसानों को सता रहा है। बारिश और खेतों में नमी भी खूब है। ऐसे में यदि बारिश हुई तो इसका सीधा असर खेती और किसानी पर पड़ेगा। जिससे किसानों के लिए मुसीबत बढ़ेगी। जिसकी वजह से मिट्टी में नमी की मात्रा बढ़ने से कंद वाली फसलों जैसे आलू (potatoes crop) में फंगस लगने वाले रोग-बीमारियां पनपेंगी। इसके साथ ही सरसों की बुवाई में मुश्किल आएगी। ऐसे में मौसम विभाग का पुर्वानुमान (weather department forecasts) है कि यूपी और अन्य प्रदेशों में अभी चार दिन तक अभी ऐसा ही मौसम रहेगा। आइए, इस मौसम को लेकर आगरा के बिचपुरी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra) के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र सिंह चौहान (Senior Agricultural Scientist Dr. Rajendra Singh Chauhan) के टिप्स और ट्रिक्स (tips and tricks) जानते हैं।
बता दें कि देशभर में किसान रबी सीजन की फसलों की तैयारी में लगे हैं। यूपी की बात करें तो किसान अभी आलू और सरसों (potato and mustard) की बुवाई की तैयारी में लगे हैं। सितंबर माह में जिस तरह से बदरा बरसे हैं। इसकी वजह से आलू और सरसों की बुवाई में देरी हो रही है। पिछले साल सितंबर माह में आलू और सरसों की बुवाई शुरू हो गई थी। इस साल भी यदि बारिश ज्यादा नहीं होती तो आगरा और आसपास के जिलों में अब तक ज्यादातर किसान सरसों की बुवाई कर चुके होते।
इस मौसम से बीमारी और लागत बढ़ेगी (This weather will increase diseases and cost)
यूपी की बात करें तो आगरा मंडल (Agra division) , अलीगढ़ मंडल (Aligarh division) और कानपुर मंडल (Kanpur division) में आलू के साथ-साथ ही सरसों की फसल का रकबा अच्छा रहता है। पिछले कई सालों से किसानों को सरसों का भाव अच्छा मिला है। किसानों का कहना है जिस तरह का मौसम का मिजाज है। उससे सरसों और आलू की बुवाई में देरी के साथ ही फसलों में रोग-बीमारियों के आने की संभावना भी अधिक रहती है। ऐसा होने से फसलों की उपज (पैदावार) प्रभावित हो सकती है। इसके साथ ही किसानों की फसल में लागत भी अधिक आएगी।
आलू और सरसों की बुवाई में अपनाएं ये टिप्स (Follow these tips in sowing potatoes and mustard)
बिचपुरी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र सिंह चौहान बताते हैं कि अभी कई दिन तक मौसम ऐसा ही रहने का पूर्वानुमान है। किसान इस मौसम से ज्यादा चिंतित न हों। भले ही सरसों की बुवाई में देरी हो रही है। किसान इस समय सरसों के सही बीज का चयन करें। इसके साथ ही जो किसान आलू की बुवाई तैयारी में लगे हैं। इस समय किसानों को इस मौसम के हिसाब से आलू के बीज का चयन करें। जिस आलू के बीज की बुवाई करनी है। उस आलू के बीज को सही तरह से उपचारित करें। क्योंकि, इस मौसम की वजह से खेतों की मिट्टी में नमी अधिक है। बारिश का बार-बार मौसम बन रहा है। जिसकी वजह से नमी के कारण आलू की फसल में फंगस जनित रोगों के आने का खतरा अधिक रहता है। इसलिए पूरी जानकारी और समझदारी से ही सरसों और आलू की फसलों की बुवाई करें।
किस दिन कितनी बारिश (How much rain on which day)
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 29 सितंबर को 2.3 मिमी, 30 सितंबर को 2.6 मिमी, एक अक्टूबर और दो अक्टूबर बारिश शून्य रहने का पूर्वानुमान है।
अधिकतम तापमान (Maximum temperature): मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 29 सितंबर को 31 डिग्री सेल्सियस, 30 सितंबर को 32 डिग्री सेल्सियस, एक अक्टूबर को 36 डिग्री सेल्सियस और दो अक्टूबर को 39 डिग्री सेल्सियस तापमान करने का पूर्वानुमान है।
न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature): मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 29 सितंबर को 22 डिग्री सेल्सियस, 30 सितंबर को 23 डिग्री सेल्सियस, एक अक्टूबर को 25 डिग्री सेल्सियस एवं दो अक्टूबर को 25 डिग्री सेल्सियस तापमान करने का पूर्वानुमान है।
अधिकतम सापेक्षिक आर्द्रता (Maximum Relative Humidity): मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 29 सितंबर को 97 प्रतिशत, 30 सितंबर को 92 प्रतिशत, एक अक्टूबर को 94 प्रतिशत और दो अक्टूबर को 93 प्रतिशत आर्द्रता रहने का पूर्वानुमान है।
न्यूनतम सापेक्षिक आर्द्रता (Minimum Relative Humidity): मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 29 सितंबर को 48 प्रतिशत, 30 सितंबर को 51 प्रतिशत, एक अक्टूबर को 56 प्रतिशत और दो अक्टूबर को 47 प्रतिशत आर्द्रता रहने का पूर्वानुमान है।
हवा की गति कितनी (What is the wind speed)
मौसम विभाग के पूर्वानुमान (weather department forecast) के मुताबिक 29 सितंबर को 15 किलोमीटर प्रति घंटा, 30 सितंबर को 10 किलोमीटर प्रति घंटा, एक अक्टूबर को किलोमीटर प्रति घंटा और दो अक्टूबर को 10 किलोमीटर प्रति घंटा से हवाएं चलने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 29 सितंबर को 58 डिग्री, 30 सितंबर को 22 डिग्री, एक अक्टूबर को 338 डिग्री और दो अक्टूबर को पवन 105 डिग्री रहने का पूर्वानुमान है।
क्लाउड कवर कितना (How much cloud cover): मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 29 सितंबर को आठ ओक्टा, 30 सितंबर को आठ ओक्टा, एक अक्टूबर को आठ ओक्टा और दो अक्टूबर को क्लाउड कवर चार ओक्टा रहने का पूर्वानुमान है।
यूं करें सरसों की बुवाई से पहले खेत की तैयारी (Prepare the field before sowing mustard like this)
- खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें।
- खेत की अंतिम जुताई के समय देसी खाद डालकर मिलाएं।
- खेत की जुताई और पाटा लगाकर मिट्टी को भुरभुरा बना लें।
- खेत में पानी का जमाव न हो। इसका इंतजाम करें।
- खेत में खरपतवार नियंत्रण के लिए उचित इंतजाम करें।
- दीमक की समस्या होने पर बुवाई से पहले एन्डोसल्फ़ॉन 4% या क्यूनालफ़ॉस 1.5% कीटनाशक पाउडर की 25 किलोग्राम मात्रा प्रति हैक्टेयर के हिसाब से खेत की भूमि में मिलाएं।
सरसों की बुवाई का समय (Mustard sowing time)
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब में सरसों की बुवाई का उचित समय सरसों की किस्म के हिसाब से सितंबर मध्य से लेकर अक्टूबर अंत तक का होता है। कहें तो सरसों की बुवाई 25 सितंबर से 15 अक्टूबर और सिंचित क्षेत्रों में 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच करनी चाहिए।
Q: सरसों की बुवाई के लिए खेत कैसे तैयार करें ? (How to prepare the field for sowing mustard?)
A: सरसों की खेती (sarson ki fasal) के लिए भुरभुरी मिट्टी की आवश्यकता होती है। सबसे पहले खेत की अच्छी जुताई करें। पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से जोतना चाहिए। इसके बाद दो से तीन जुताई देशी हल या कल्टीवेटर की से करें। जुताई करने के बाद खेत में नमी बनाए रखने और समतलता बनाए रखने के लिए पाटा लगाएं।
Q: सरसों की बुवाई में कितनी खाद (fertilizer) डालें ?
A: जिन क्षेत्रों में सिंचाई की अच्छी व्यवस्था है। वहां पर सरसों की बुवाई से पहले अच्छी सडी हुई गोबर या कम्पोस्ट खाद 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अथवा केचुंआ की खाद 25 क्विंटल/प्रति हेक्टेयर बुवाई के पूर्व खेत में डालकर जुताई करें।
Q: सरसों का बीज (mustard seed) कितने दिन में अंकुरित हो जाता है?
A: सरसों की बुवाई के बाद यदि मौसम सही रहता है तो सरसों के बीज 4 से 14 दिनों में अंकुरित हो जाते हैं।
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