यूपी सरकार के कैबिनेट मत्स्य विभाग मंत्री डॉ. संजय निषाद का कहना है कि योगी सरकार में मछुआरा समाज के कल्याण के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिससे उनका आर्थिक स्तर बेहतर किया जा सके। मछुआरा समाज को बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से निबंधित समितियों को राजस्व विभाग की जल प्रणालियों के पट्टा आदि का आवंटन करने में राजस्व सहिंता 2016 का पालन किया जाएगा। समाज के युवा भी आईएएस, पीसीएस की तैयारी भी सरकार की मदद सक कर सकेंगे।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
Fishermen Portal : योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री मत्स्य डॉ. संजय निषाद (Dr. Sanjay Nishad) ने रविवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मछुआ समाज के लिए बड़ा ऐलान किया। मत्स्यमंत्री डॉ. संजय निषाद ने मत्स्य विभाग के पोर्टल www.fisheries.up.gov.in पोर्टल की शुरूआत की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) डॉ. संजय निषाद ने मीडिया से रूबरू होने पर कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से आम जन-मानस से आवेदन प्राप्त करके समिति का गठन किया जाएगा। जब कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद कहा कि ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से अब प्रस्तावित समिति के निबन्धन के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रार्थना पत्र करना होगा। समिति के गठन की सम्भावनाओं तथा मत्स्य पालन, मत्स्य उत्पादन एवं मत्स्य विपणन के आधार पर गठन की प्रक्रिया होगी। उन्होंने कहा कि विभाग के पोर्टल के शुभारम्भ से समिति के निबंधन में अनावश्यक विवाद एवं विलंब से बचा जा सके।
यूपी में अब तक 1135 समितियों का गठन (1135 committees formed in UP so far)
बता दें कि योगी सरकार को यूपी में मत्स्य पालन पर भी जोर है। इसके लिए ही प्रदेश में ऑनलाइन प्रक्रिया से समिति गठन किया जा रहा है। जिससे इनके गठन में पूरी पारदर्शिता रहे। इसके साथ ही प्रदेश में मछुआ समुदाय के लोगों को स्व रोजगार प्राप्त करने में सुगमता होगी। यूपी की बात करें तो अब तक 1135 समितियां गठित हो चुकी हैं। प्रदेश में अभियान चला कर नदी जल धारा पर 565 समितियां गठित कराई जाएंगी। जिससे लगभग 16000 मछुआ समुदाय के लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त मिलेंगे। कैबिनेट मंत्री मत्स्य विभाग डॉ. संजय निषाद ने प्रदेश में प्रत्येक न्याय पंचायत में समिति गठन किया जाएगा। जिससे मछुआ समुदाय के व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इससे उनका आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान होगा। सरकार मंशा हर जाति और समाज के उत्थान की है।
समिति में सदस्य बन सकेंगे गरीब (Poor people will be able to become members of the committee)
कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने बताया कि, प्रदेश में संशोधित प्रस्तावित समिति का कार्यक्षेत्र तहसील के तहत नदी के चिन्हांकित खंड तथा तालाब पर गठित समिति को एक न्याय पंचायत तक ही सीमित रखा है। जिससे ज्यादा से ज्यादा मछुआ समुदाय के गरीब व्यक्तियों को समिति में सदस्य बनाया जा सके। इसके साथ ही साथ इससे प्रदेश में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का विकास होगा। जिससे रोजगार के अवसर के साथ ही राजस्व की बढ़ोतरी होगी।
सम्पूर्ण प्रदेश में कार्य कर सकेंगे (Will be able to work in the entire state)
योगी सरकार में कैबिनेट मत्स्य पालन मंत्री डॉ. निषाद ने बताया कि प्रदेश की बात करें तो निबंधित समितियों को राजस्व विभाग की जल प्रणालियों के पट्टा समेत अन्य का आवंटन करने में राजस्व सहिंता 2016 का पालन किया जाएगा। बाकी जल प्रणालियों के सम्बन्ध में संबंधित विभाग के प्रचलित नियमों का पालन होगा। जबकि, निबंधित मत्स्य जीवी सहकारी समितियां मत्स्य/मत्स्य उत्पादों के विपणन समेत अन्य से सम्बंधित कार्य बिना कार्यक्षेत्र की परिसीमा के सम्पूर्ण प्रदेश में स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए अधिकृत किए जाएंगे।
विभाग के पोर्टल पर हर जानकारी मिलेगी
कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने बताया कि मत्स्य विभाग के र्पोटल पर मत्स्य विभाग से जुड़ी हर जानकारी मिलेगी। जीवी सहकारी समितियां बहुउद्देशीय समितियों के रूप में अब कार्य कर सकेंगी तथा उनके सदस्यों को जीविकोपार्जन के अतिरिक्त स्त्रोत प्राप्त होंगे। आवेदन के साथ संलग्न किये जाने वाले अभिलेख और विस्तृत विवरण एवं विज्ञापन विभागीय पोर्टल पर भी देखा जा सकेगा।
निषाद राज बोट सब्सिडी योजना (Nishad Raj Boat Subsidy Scheme)
यूपी सरकार में मत्स्य विभाग के तहत निषादराज बोट सब्सिडी योजना भी है। इसके लिए मत्स्य पालकों एवं मछुआ समुदाय के लोगों तथा जीवी सहकारी समितियां पात्र हैं। जो इस योजना में आवेदन करके अधिक से अधिक लाभ उठा सकते हैं।
मछुआ कल्याण कोष को जारी करने के निर्देश
कैबिनेट मंत्री डाॅ. संजय निषाद ने कहा कि यूपी सरकार ने अब प्रदेश में मछुआ कल्याण कोष की मदद से पहली बार मछुआरों के बच्चों को IAS, PCS Coaching कराने का फैसला किया है। जिससे मछुआरा समाज के युवा पढ़ेंगे। जिससे वे बढ़ेंगे। इस मामले में आज सरकार की ओर से जीओ जारी कर दिया गया है। इसी तरह मछुआरों को यूपी में अब आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा भी मिलने लगी है। इससे अब मछुआरों को समय से इलाज मिल जाता है।
पोर्टल पर पंजीकरण की शर्ते
1- पोर्टल पर मुख्य प्रवर्तक को आवेदन हेतु पंजीकरण करना होगा।
2- पंजीकरण के उपरांत प्रस्तावित समिति के गठन के लिए क्रमशः तीन बैठकों का विवरण संलग्न करना होगा।
3- समिति गठन के लिए न्यूनतम 27 सदस्य होना अनिवार्य है। अधिकतम कितने भी सदस्य समिति के सदस्य बन सकते है।
4- समिति के 27 सदस्यों में से 3 सदस्य अनुसूचित जाति के और 6 महिला सदस्य होना अनिवार्य है।
5- समिति की साधारण सदस्यता केवल ऐसे व्यक्ति ही ले सकेंगे। जिसका चरित्र अच्छा, मस्तिष्क स्वस्थ और उनकी आयु 18 साल से अधिक हो। इसके साथ ही व्यक्ति समिति के कार्यक्षेत्र में रहता हो। उसे मछली पकड़ने और मछली पालने सक्रिय ढंग से करता हो।
6- सभी सदस्यों का अपना आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर भरना जरूरी है।
7- एक परिवार से एक ही व्यक्ति ही समिति का सदस्य बन सकता है।
8- समिति के सचिव की आयु 20 साल से अधिक होने के साथ ही सचिव की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट होनी चाहिए। सचिव का चरित्र उत्तम होना अनिवार्य है।
9- मत्स्य विभाग की गठित समितियों में से किसी एक ही समिति का एक व्यक्ति सदस्य बन सकता है। सदस्यों को अंशपूंजी न्यूनतम प्रति सदस्य 100 रुपये और प्रवेश शुल्क 10 रुपये प्रति सदस्य की दर से जमा करना अनिवार्य होगा।
10- आवेदक द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड के 30 दिन के भीतर अधिकारियों की ओर से आगे की कार्रवाई को किया जाएगा।
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