Top Wheat Variety: भारतीय गेहूं (Indian Wheat) की बात करें तो देश के साथ-साथ दुनिया के तमाम देशों की जरूरतें भी पूरी कर रहा है। इसकी वजह अच्छी क्वालिटी और पोषक तत्वों से भरपूर गेंहू है। उन्नत किस्मों के गेंहू की खेती में लागत कम होती है। इसके साथ ही किसानों की आय बढ़ रही है। आज हम बात करेंगे इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च ऑफ इंडिया की विकसित की गई गेंहू की उन्नत किस्म पूसा तेजस गेंहू की किस्म (Pusa Tejas Wheat)की। गेहूं की पूसा तेजस किस्म से बुवाई के 112 से 125 दिनों के अंदर 75 क्विंटल तक पैदावार ली जा सकती है। आइए, Pusa Tejas Wheat (HI 8759) के बारे में जानते हैं।
Top Wheat Variety: रबी सीजन (Rabi Season 2024) की प्रमुख फसल में गेहूं की खेती (Wheat Cultivation) है। जो ये प्रमुख खाद्यान्न (Food Grain Crops) फसल है। देश में इसका उत्पादन और खपत दोनों ही अधिक हैं। देश के किसानों की आय बढ़ाने और कम लागत पर अधिक उपज (more yield at low cost) देने वाली गेंहू की किस्में विकसित करने में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) के विभिन्न संस्थानों में वैज्ञानिक लगे हुए हैं। रबी सीजन में गेंहू की बुवाई के लिए किसान तैयारी कर रहे हैं। आज हम बात गेंहू की उन्नत किस्म पूसा तेजस गेंहू की किस्म (Pusa Tejas Wheat) यानी HI 8759 की करेंगे। जो गेंहू की बेहतर किस्म है। जिसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 75 क्विंटल तक मिल सकती है। आइए, पूसा तेजस गेंहू की किस्म (HI 8759) की बुवाई का समय, फसल प्रबंधन और पैदावार के बारे में विस्तार से जानते हैं।
बता दें कि देश में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के संस्थान लगातार गेंहू की अच्छी फसल के लिए नई किस्में विकसित कर रहे हैं। इनमें ही पूसा तेजस (HI 8759) है। आईसीएआर के इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च ऑफ इंडिया (Indore Institute of Agricultural Research of India) ने 2016 में विकसित की थी। ये गेहूं की अच्छी क्वालिटी की किस्म है। जो पूसा तेजस (Pusa Tejas Wheat) गेहूं किस्म की बुवाई से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) , उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), पंजाब (Punjab) , हरियाणा (Haryana) और अन्य प्रदेश में अच्छी पैदावार मिल रही है।
Top Wheat Variety: पूसा तेजस गेहूं की खेती (Tejas Wheat Cultivation)
इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च ऑफ इंडिया की विकसित पूसा तेजस (Pusa Tejas Wheat) गेहूं किस्म की बुवाई मध्य भारत के लिए उपयुक्त है।गेंहू की किस्म पूसा तेजस (HI 8759) की बुवाई के लिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान( कोटा एवं उदयपुर डिवीज़न) के साथ ही उत्तर प्रदेश (झांसी डिवीज़न और आसपास के जिले) की जलवायु बेहद उपयुक्त है। इसके साथ ही गेंहू की किस्म पूसा तेजस (HI 8759) से पंजाब, हरियाणा और अन्य प्रदेश में अच्छी पैदावार मिल रही है।
Tejas Wheat Cultivation: खेत की तैयारी (Preparation of the field)
किसान भाइयों, गेहूं की बुवाई से पहले खेत की अच्छी गहरी जुताई दो से तीन बार करना आवश्यक है, उसके बाद खेत में कुली लगाकर खेत को समतल करना भी आवश्यक है।
Tejas Wheat: रोटी और बेकरी उत्पादों में उपयोग (Use in roti and bakery products)
इंदौर कृषि अनुसंधान केन्द्र की विकसित पूसा तेजस (Pusa Tejas Wheat) गेहूं किस्म का वैज्ञानिक नाम HI-8759 है। इसके आटे से रोटी (roti) और बेकरी उत्पादों (Bakery Wheat) के साथ-साथ ही नूडल (noodles), पास्ता (pasta), और मैक्रोनी (macaroni) जैसे उत्पादों अच्छी क्वालिटी के बनते हैं।
Q: गेहूं में डीएपी कब दें ? (When to apply DAP in wheat?)
A: कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक डीएपी खाद का उपयोग करने का सबसे सही समय फसल की बुवाई का समय होता है। इसके अच्छे परिणाम भी आते हैं। कई किसान ऐसे भी हैं। जो डीएपी का प्रयोग बुवाई के समय ना करके पहली या दूसरी सिंचाई के समय करते हैं। 1 एकड़ में 50 किलो तक ही इस्तेमाल करना चाहिए।
Q: गेहूं बुवाई के समय कौन सा खाद डालना चाहिए ? (Which fertilizer should be applied at the time of sowing wheat?)
A: वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र सिंह चौहान बताते हैं कि फसल की बुवाई से पहले मृदा की जांच कराएं। जांच रिपोर्ट में मृदा में मौजूद पोषक तत्व के बारे में पता चल जाता है। इसके बाद ही बुवाई के दौरान उर्वरक खेत में डालें। सामान्य तौर पर सर्वोत्तम वृद्धि और उपज के लिए गेहूं के पौधों को निम्नलिखित पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। जिसमें नाइट्रोजन (N), पोटेशियम (K), फास्फोरस (P) (फॉस्फेट = PO₄³⁻), सल्फर (S), मैग्नीशियम (Mg), आयरन (Fe), मैंगनीज (Mn), जिंक (Zn), बोरोन (B), कॉपर (Cu), कैल्शियम (Ca) का डालें।
Q: पूसा तेजस गेहूं कब तक बोया जाता है? (When is Pusa Tejas wheat sown?)
A: गेंहू की पूसा तेजस किस्म की बुवाई का सही समय 10 नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक रहता है। गेंहू की ये किस्म उन्नत है। बीज की मात्रा गेहूं की पूसा तेजस किस्म में कल्ले की अधिकता होती है। पूसा तेजस गेंहू के पौधे में 10 से 12 कल्ले होते हैं। पूजा तेजस गेंहू की बुवाई में प्रति एकड़ बीज की मात्रा 50-55 किलो और प्रति हेक्टेयर 120-125 किलो तक रहती है।
Q: पूसा तेजस गेहूं में कितना पानी लगता है? (How much water is required for Pusa Tejas wheat?)
A: गेंहू की पूसा तेजस की किस्म लगभग 115 से 120 दिवस में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है। पूसा तेजस Pusa Tejas HI-8759 wheat variety में सामान्यतः 3 से 5 सिंचाई की जरूरत होती है। यदि आपके पास सिंचाई की उपलब्धता है तो इस गेंहू की बुवाई करें। ज्यादा सिंचाई से इसकी पैदावार भी अधिक रहेगी।
Q: गेहूं की प्रजातियाँ कौन-कौन सी हैं? (What are the varieties of wheat?)
A: गेहूं पूसा अनमोल (HI – 8737), पूसा मालवी (HD – 4728), पूसा तेजस (HI 8759), मालवश्री (HI – 8381), मालव शक्ति (HI- 8498), मालव रत्न (HD-4672), MP0 – 1215, पूसा मंगल (HI-8713), पूसा पोषण (HI 8663), JW-1255, JW- 1106, HD 3271, HI 1621, JKW 261, PBW 771, PBW 752, PBW 757, DBW 173, DBW 90, DBW 71, DBW 316, PBW 833, HD 3117, HD 3059, HD 3118, HD 2985, HD 2864, HD 2932, WR 544, DBW 173, PBW 590, HUW 234, HUW 468 समेत प्रमुख गेंहू की किस्में लोकप्रिय हैं।
- DBW 173
- DBW 316
- DBW 71
- DBW 90
- gehu ki kheti
- gehun
- gehun ki fasal
- HD 2864
- HD 2932
- HD 2985
- HD 3059
- HD 3117
- HD 3118
- HD 3271
- HI 1621
- HUW 234
- HUW 468
- JKW 261
- PBW 590
- PBW 752
- PBW 757
- PBW 771
- PBW 833
- Pusa Tejas Wheat
- Pusa Vatsala
- Tejas gehu benefits
- Top 5 Wheat Variety
- Top Five Wheat Varieties In India
- Wheat Variety GW 322
- Wheat Variety HD 3386
- Wheat Variety HD 4728
- WR 544
- गेंहू की किस्म
- गेंहू की किस्म HD 3118
- गेंहू की किस्म HD 3386
- गेंहू की किस्म पूसा मालवी
- गेहूं की खेती
- गेंहू की बंपर पैदावार
- गेहूं की ये पांच किस्म
- गेहूं की ये पांच किस्में कर रही मालामाल
- पूसा तेजस गेंहू की किस्म
- पूसा मंगल गेहूं की वैरायटी
- रबी सीजन
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