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Success Story: गांव-गांव सेहत की चौपाल लगा रही दीप्ति, 4 साल में 4000 महिलाएं की हेल्थ एजुकेट

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Success Story: आगरा के बिचपुरी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में विषय वस्तु विशेषज्ञ गृह विज्ञान यानी हेल्थ एजुकेटर एक्सपर्ट दीप्ति सिंह गांव-गांव जाकर सेहत की चौपाल लगा रही हैं। जो महिलाओं को खुद की सेहत का ध्यान रखने के साथ ही परिवार की सेहत के साथ ही मोटो अनाज के बारे में जागरुकता कर रही हैं।

आगरा, उत्तर प्रदेश

Success Story: हर महिला, हर गर्भवती और हर किशोरी सेहतमंद बनें। एनीमिया से दूर रहें। उनकी इम्युनिटी (Immunity Strong) स्ट्रांग रहे। अपने परिवार की सेहत (Health) के साथ ही खुद की सेहत का ख्याल भी महिलाएं रखें। संतुलित आहार कितना जरूरी है। संतुलित आहार ( Balanced Diet) कैसे बनाएं। संतुलित आहार परिवार को कैसे खिलाएं ? जिससे हर कोई बीमारी से दूर रहे। सक्सेस स्टोरी (Success Story) में आज हम बात करेंगे आगरा में बिचपुरी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra Bichpuri, Agra) की हेल्थ एजुकेटर एक्सपर्ट (Health Educator Expert Deepti Singh) दीप्ति सिंह की। जो चार साल से सीख से गांव-गांव जाकर सेहत की चौपाल (Sehat Ki Chaupal) लगाकर महिलाओं को सेहत, संतुलित आहार, श्रीअन्न के सेवन के फायदे गिनाने क साथ ही श्रीअन्न (Shri Anna Mission) मिशन और पोषण वाटिका (Poshan Vatika) की जागरुकता (Awareness) कर रही हैं। आइए, केवीके (KVK) की हेल्थ एजुकेटर दीप्ति सिंह के सेहत की चौपाल और पोषण वाटिका (Nutrition Garden) जागरुकता अभियान के बारे में जानते हैं।

सेहत की चौपाल
(Photo Credit: Kisan Voice)

बता दें कि कानुपर निवासी दीप्ति सिंह आगरा के बिचपुरी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra Bichpuri, Agra) में विषय वस्तु विशेषज्ञ गृह विज्ञान यानी हेल्थ एजुकेटर एक्सपर्ट पद पर कार्यरत हैं। जो चार साल से केवीके में सेवाएं दे रही हैं। दीप्ति सिंह केवीके की ओर से गांव-गांव जाकर महिलाओं किसानों को जागरुक करने के साथ ही संतुलित आहार और महिलाओं को घर में ही पोषण वाटिका बनाकर हरी सब्जी उगाने की ट्रेनिंग दे रही हैं। दीप्ति सिंह चार साल में करीब चार हजार महिलाओं को बैलेंस डाइट की सीख देने के साथ ही उन्हें घर पर पोषण वाटिका तैयार करने की जानकारी भी दे चुकी हैं। जिससे महिलाएं अपने परिवार के लिए जीरो बजट में हरी सब्जी उगा सकें।

Success Story: सेहत की चौपाल (Sehat Ki Chaupal) में बता रही मौसम में क्या खाएं

कृषि विज्ञान केंद्र की हेल्थ एजुकेटर एक्सपर्ट दीप्ति सिंह बताती हैं कि जिस परिवार की महिलाएं हेल्दी हैं तो पूरा परिवार भी सेहतमंद होगा। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं बहुत मेहनत करती हैं। मगर, अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देती हैं। इसलिए मैं जिले में गांव-गांव जाकर महिलाओं के साथ संतुलित आहार पर चर्चा करती हूं। ऐसा करने से महिलाओं की समस्याएं पता चलती हैं। जिसका समाधान करने के साथ ही उन्हें बैलेंस डाइट की जानकारी देती हूं। उन्हें बैलेंस डाइट के फायदे गिनाती हूं। किस मौसम में क्या खाएं। जिससे सेहत के लिए संतुलित आहार मिलेगा।

संतुलित आहार खाने की सलाह
(Photo Credit: Kisan Voice)

Success Story: संतुलित आहार खाने की सलाह (Advice to eat a balanced diet)

केवीके की हेल्थ एजुकेटर एक्सपर्ट दीप्ति सिंह बताती हैं कि गांव-गांव में जब में सेहत की चौपाल लगाती हूं तो चौंकाने वाली बातें सामने आती हैं। गावों की महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं। उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं होती है। परिवार की देखभाल और घर के काम में ऐसी व्यस्त हैं कि उन्हें खुद की सेहत का ख्याल ही नहीं है। इसकी वजह से ग्रामीण परिवार में महिलाएं एनीमिया और अन्य बीमारियों से ग्रसित मिलती हैं। उन्हें ये पता ही नहीं होता है। ऐसे में सेहत की चौपाल से ग्रामीण महिलाओं को संतुलित आहार और सेहत का ख्याल रखने की जानकारी दी जाती है। उन्हें ये बताया जाता है कि संतुलित आहार उनकी सेहत के लिए कितना जरूरी है।

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पोषण वाटिका में हर मौसम में उगाए सब्जियां
(Photo Credit: Kisan Voice)
पोषण वाटिका में हर मौसम में उगाए सब्जियां (Grow vegetables in every season in the nutrition garden)

केवीके की हेल्थ एजुकेटर एक्सपर्ट दीप्ति सिंह बताती हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में गर्भवती महिलाएं भी अधिक एनेमिक मिलती हैं। जो उनके साथ ही उनकी कोख में पल रहे अजन्में भ्रूण की सेहत के लिए सही नहीं है। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार लेने की जानकारी दी जा रही है। सेहत की चौपाल में महिलाओं को पोषण वाटिका के बारे में जानकारी दी जाती है। गांवों में अक्सर करके घर के पास फालतू जमीन होती है। ऐसे में महिलाओं को घर के पास फालतू जमीन पर पोषण वाटिका बनाने की पूरी जानकारी देती हूं। महिलाओं को बताया जाता है कि पोषण वाटिका में किस मौसम में क्या उगाएं। इसके साथ ही केवीके से पोषण वाटिका के लिए हरी सब्जियों के बीज भी दिए जाते हैं। जिससे वो पोषण वाटिका में हरी सब्जियां उगाकर खाएं। महिलाएं खुद की सेहत के साथ ही परिवार की सेहत का ख्याल रखें।

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केवीके बांट रहा मिलेटस की मिनी किट
(Photo Credit: Kisan Voice)
केवीके बांट रहा मिलेटस की मिनी किट (KVK Agra is distributing millet mini kits)

केवीके की हेल्थ एजुकेटर एक्सपर्ट दीप्ति सिंह बताती हैं कि, 2023 में पीएम मोदी ने मोटा अनाज यानी श्रीअन्न की घोषणा की थी। श्रीअन्न योजना के तहत जनता से अपील की गई कि मोटा अनाज उगाएं और मोटा अनाज ही खाएं। मोटा अनाज सेहत से भरपूर होते हैं। आगरा की बात करें तो यहां पर मोटे अनाज में बाजारा अधिक पैदा होता है। इसलिए, गांव गांव में लगने वाली सेहत की चौपाल में महिलाओं को और महिला कृषकों में मोटा अनाज के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें केवीके से मोटा अनाज उगाने के लिए मिनी किट भी दिए जाते हैं। जिसमें बाजरा के साथ ही इस साल तो केवीके से कोदों की मिनी किट भी ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को वितरित की गई।

मोटा अनाज की डिश बनाने की दे रही हूं ट्रेनिंग
(Photo Credit: Kisan Voice)

मोटा अनाज की डिश बनाने की दे रही हूं ट्रेनिंग (dishes made from Milltas)

केवीके कीहेल्थ एजुकेटर एक्सपर्ट दीप्ति सिंह बताती हैं कि, पीएम मोदी के श्रीअन्न मिशन चलते गांवों में जाकर मोटा अनाज के साथ ही महिलाओं को मोटे अनाज (Miltas dishes) से बनने वाली डिश के बारे में महिलाओं को जागरुक किया जाता है। ग्रामीण परिवेश में बुजुर्ग महिलाएं बाजरा की तमाम डिश बनाना जानती हैं। जिनमें बाजरा की खिचडी, बाजरा की महेरी, बाजरा का दलिया और अन्य डिश शामिल हैं। इनके बारे में नई पीढी को बताया जा रहा है। इसके साथ ही बाजरा की सेव, बाजरा के पकौडे समेत अन्य डिशें बनाने की जानकारी देती हूं। उन्हें बनाना भी सिखाती हूं। इसके साथ ही जिले के आंगनबाडी केंद्र की आंगनबाडी वर्कर को भी मोटे अनाज से डिश बनाने की ट्रेनिंग दे रही हूं। इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह से जुडी महिलाओं को तरह तरह की मिलेटस से बनने वाली हेल्दी डिश की ट्रेनिंग देती हूं।

मिलटेस की डिश (Miltas dishes)

रोटी, पराठा, सेव, मठरी, टोस्ट, बिस्कुट, खीर, चूरमा, पुए, नमकीन,

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