Potato Farming: आगरा के बिचपुरी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में शनिवार को किसान गोष्ठी हुई, जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों और फ्यूचर कैम एग्रो प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली के विशेषज्ञों ने आलू की खेती में खरपतवार नियंत्रण और अन्य बीमारी से बचाव और दवाओं की जानकारी दी। जिससे किसानों को आलू की बेहतर पैदावार मिले।
आगरा, उत्तर प्रदेश
Potato Farming: आलू की फसल (Potato Crop) रबी सीजन (Rabi Season) में सबसे महंगी और रिस्क वाली फसल है। यूपी में आगरा जिला आलू का गढ़ है। आगरा और आसपास के जिलों में आलू की फसल खूब होती है। आलू की फसल में अच्छी पैदावार के लिए किसानों को खाद, बीज, खरपतवार नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए। आलू की फसल (Potato Crop) में इनके साथ ही सिंचाई और कीटनाशक पर खूब खर्च होता है। ऐसे में आगरा के बिचपुरी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में शनिवार दोपहर एक किसान गोष्ठी हुई, जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक और फ्यूचर कैम एग्रो प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली के विशेषज्ञों ने आलू की खेती में खरपतवार और अन्य बीमारी से बचाव और दवाओं की जानकारी दी। इसके साथ ही फ्यूचर कैम एग्रो प्राइवेट लिमिटेड की ओर से गोष्ठी में आये किसानों को फ्री में तमाम प्रोडेक्ट और किट प्रदान की गईं ।
यूपी में किसानों ने आलू की बुवाई कर दी है। खेतों में आलू उग चुके हैं। किसानों ने आलू में पहली सिंचाई कर चुके हैं या पहले सिंचाई की तैयारी में लगे हैं। इसके साथ ही आलू उगने के साथ ही खेतों में खरपतवार भी उग चुके हैं। जो आलू की बुवाई में उपयोग की गई खाद और अन्य पोषक तत्वों की वजह से तेजी से ग्रोथ कर रहे हैं। ऐसे में खरपतवार नियंत्रण करना किसानों के लिए समस्या है।
आरबीएस कॉलेज के प्राचार्य ने किया किसान गोष्ठी का शुभारंभ (The Principal of RBS College inaugurated the Kisan Goshth)
आगरा के बिचपुरी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित आलू फसल उत्पादन प्रबंधन विषय पर एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष व वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि किसान गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि आरबीएस कॉलेज के प्राचार्य व निदेशक प्रोफेसर विजय श्रीवास्तव ने राजा बलवंत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन करके किया। इस अवसर पर मै. फ्यूचर कैम एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के निदेशक फतेह बहादुर सिंह भी मौजूद रहे।
Potato Farming: खरपतवार नियंत्रण की टिप्स और ट्रिक्स बताई (Tips and tricks for weed control explained)
कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष व वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र सिंह चौहान ने गोष्ठी में आए किसानों को आलू की फसल में होने वाले खरपतवार की जानकारी दी। आलू की फसल में खरपतवार का नियंत्रण नहीं किया तो पैदावार पर असर होगा। उन्होंने गोष्ठी में आए किसानों को आलू की फसल में खरपतवार के नियंत्रण के लिए टिप्स और ट्रिक्स बताई। इसलिए आलू की बुवाई के बाद खरपतवार दिखें तो लापरवाही नहीं बरतें। बाजार में खरपतवारनाशी तमाम दवाएं हैं। जो हर खरपतवार के हिसाब से बनाई गई हैं। यदि खेत में नमी कम है। ऐसे खेत में खरपतवार उगे खरपतवार के लिए अलग खरपतवारनाशी का प्रयोग करें।
Potato Farming:दोपहर बाद प्रयोग करने से मिलेगा अच्छा परिणाम (Use after noon will give good results)
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक (Senior Agricultural Scientist Dr. Rajendra Singh Chauhan) डॉ. राजेंद्र सिंह चौहान बताते हैं कि आलू की फसल में खरपतवारनाशी (weedicide) के छिड़काव के समय का भी विशेष महत्व है। खरपतवारनाशी के छिड़काव के समय का ध्यान रखें। खरपतवारनाशी का दोपहर बाद प्रयोग करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। इसके साथ ही ये भी ध्यान रखें कि आलू की फसल में उगे खरपतवारों पर दवा का छिड़काव करें। आलू की फसल पर इसका छिड़काव नहीं करें।
आगरा में आलू की कई वैरायटी की बुवाई (Sowing of many varieties of potatoes in Agra)
बात करें आगरा जनपद (Agra district) की तो यहां किसानों की पसंद आलू की अलग अलग वैरायटी हैं। आगरा में अधिकतर किसानों ने कुफरी बहार (Kufri Bahar) की बुवाई करते हैं। इसके साथ ही आलू की प्रजाति कुफरी ख्याति (Kufri Khyati), कुफरी सूर्या (Kufri Surya) , कुफरी नीलकंठ (Kufri Neelkanth) और कुफरी गंगा (Kufri Ganga) की बुवाई की हुई है। किसानों को कम लागत में ज्यादा पैदावार मिलती है। किसानों को सब्सिडी के साथ आलू का बीज दिया जा रहा है। आलू की ये वैरायटी F-1, F-2 बीज के रूप में हैं।
Potato Farming: कंपनी ने बांटे प्रोडेक्ट और किट (Company distributed products and kits)
मै. फ्यूचर कैम एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के निदेशक फतेह बहादुर सिंह और रोबिन गर्ग ने किसान गोष्ठी में आए किसानों को आलू फसल उत्पादन प्रबंधन पर टिप्स और ट्रिक्स बताए। इसके साथ ही आलू की फसल में खरपतवारनाशी और अन्य प्रोडेक्ट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को बताया कि कंपनी ने अच्छे प्रोडेक्ट तैयार किए हैं। जिनके परिणाम भी बेहतर हैं। पहले एक बार कंपनी के प्रोडेक्ट का इस्तेमाल करते देखें। इसके बाद आप खुद ही कंपनी के प्रोडेक्ट उपयोग करेंगे। इसके इसके साथ ही दूसरे किसानों को भी बताएंगे। किसान गोष्ठी में आए 130 किसानों को अपने कंपनी के खरपतवारनाशी और अन्य प्रोडेक्ट के साथ ही किटें फ्री में दीं। इस अवसर पर प्रोफेसर संत बहादुर सिंह, प्रोफेसर राजवीर सिंह समेत अन्य के साथ ही पुरुष और महिला किसान भी शामिल हुईं।
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