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Potato Crop: UP में बारिश से आलू की बुवाई लेट, उत्पादन और रेट पर ये होगा असर l Heavy Rain in UP Delayed Potato Sowing

केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान
(Photo Credit: Kisan Voice)

फर्रुखाबाद /आगरा/ अलीगढ़

Potato Crop: देश और प्रदेशों में इस बार मानसून खूब मेहरबान रहे। जिसकी वजह से कई राज्यों में बाढ़ के हालात बने तो कहीं पर बारिश की वजह से हजारों बीघा फसलें बर्बाद हो गईं। उत्तर प्रदेश की बात करें तो बाजरा, धान और सब्जियों की फसल में अधिक नुकसान हुआ है। बारिश की वजह से ही यूपी में अब आलू (Potato) की बुवाई (Crop) भी देरी होगी। क्योंकि, भारी बारिश से आलू की खेती करने वाले जिले फर्रुखाबाद, आगरा, अलीगढ़, मथुरा और आसपास में अब आलू की बुवाई करीब 15 से 20 दिन लेट होने की संभावना है। इसकी वजह से ही आलू की निकासी भी कोल्ड स्टोरेज से कम हुई है। जिससे ही फुटकर में आलू की कीमतें अब बढ़ने लगी हैं।

उत्तर प्रदेश की बात करें तो प्रदेश में करीब 7 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर आलू की खेती होती है। यूपी के आलू उत्पादन में सबसे आगे आगरा है। आगरा जिले में खंदौली, शमशाबाद, एत्मादपुर, फतेहाबाद, किरावली क्षेत्र में आलू की फसल बड़े पैमाने पर होती है। जिले में करीब लगभग 74 हजार हेक्टेयर रकबा में आलू का उत्पादन होता है। जिसमें करीब 55 से 60 लाख मीट्रिक टन आलू का सालाना उत्पादन होता है। इसके लिए हर साल 7.5 लाख मीट्रिक टन आलू बीज की जरूरत पड़ती है।

Rain in UP delayed potato sowing, this will be the effect on production and rate
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पिछले हफ्ते की तुलना में आलू की बढ़ी कीमत (Potato price increased compared to last week

आगरा और आसपास के जिलों में पिछले महीने तक थोक में 17 सौ रुपये प्रति कुंतल तक आलू बिक चुका है। आलू के थोक भाव अब 22 सौ रुपये प्रति कुंतल तक पहुंच गए हैं। पिछले माह तक फुटकर में आलू 20 से 25 रुपए प्रति किलो में बिक रहा था। अब दोबारा से आलू की रेट में इजाफा हुआ है। अब फुटकर में 30 रुपए किलो के स्तर पर पहुंच चुका है। यूपी की सबसे बड़ी आलू मंडी में एक माह में आलू की फुटकर कीमतों में 5 रुपए प्रति किलो तक का इजाफा हुआ है।

फर्रुखाबाद में अभी 60 फीसदी आलू कोल्ड स्टोरेज में

फर्रुखाबाद के आलू एवं शाकभाजी अधिकारी राघवेंद्र सिंह बताते हैं कि जिले के 107 कोल्ड स्टोर हैं। जिनमें 86299.69 मीट्रिक टन आलू स्टोर होता है। अभी तक कोल्ड स्टोरेज शीत ग्रह से आलू की निकासी 311367.40 मीट्रिक टन हुई है। कहे तो जो जिले में कुल आलू का यह 36.08% है। कोल्ड स्टोर में अभी भी 551624.29 मीट्रिक टन आलू रखा हुआ है। जो स्टोर आलू का करीब 60 फीसदी है। जिले में कच्ची फसलों के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। इसमें प्याज, लहसुन आलू आदि के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

Rain in UP delayed potato sowing, this will be the effect on production and rate
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बारिश से बुआई में देरी (Delay in sowing due to rain)

किसानों की मानें तो आमतौर पर मौसम सामान्य होने पर आलू की बुआई सितंबर में शुरू हो जाती है। जिससे ही किसान कोल्ड स्टोर से अपना आलू निकाल लेता है। जो बुवाई से आलू ​बचता है। किसान अपने बचे बालू को व्यापारी को बेच देता है। आलू की फसल तैयार होने में करीब 2 से 3 महीने लगते हैं। जिससे ही दिसंबर से ही बाजार में नया आलू आने लगता है। इससे तेजी से आलू के भाव गिरते हैं। लेकिन, इस बार सितंबर में भीषण बारिश होने से आलू की बुआई अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। सितंबर माह में आलू की बुवाई की संभावना नहीं लग रही है।

दिसंबर तक आता है आलू (Potato arrives by December)

अगेती आलू की बुवाई से नया आलू दिसंबर अंत से बाजार में आना शुरू हो जाता है। इस बार सितंबर में बारिश ने आलू की कच्ची फसल करने वाले किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। अभी भी बारिश होने के आसार बने हुए हैं। इससे कच्ची फसलों के लिए खेत तैयार नहीं हो पाएंगे। नया आलू की कच्ची फसल और पक्की फसल मंडियों में एकदम आएगी तो आलू सस्ते होने की उम्मीद जताई जा रही है।

एक महीना लेट हो सकता है आलू (Potatoes may be delayed by one month)

किसानों को आलू की अगेती फसल करने में अभी समय लगेगा जो कोल्ड स्टोर में आलू भंडार है। उसमें 30 से 35 % किसान का है। इसके साथ ही 30 फीसदी आलू को व्यापारी का है। व्यापारी तो आलू निकालकर अब बेच रहा है। लेकिन, किसान का जो आलू है वह खेत में बोने के लिए बचा है। जो आलू बाजार में बिक रहा है। उसे आलू का लाभ व्यापारी को मिल रहा है। किसान तो अपना आलू पहले ही बेच चुका है। अभी भी बारिश की संभावना बनी हुई है। अगर बारिश होती है तो करीब एक महीना आलू लेट हो जाएगा।

आलू की बुवाई से पहले इन बातों का ध्यान रखें (Keep these things in mind before sowing potatoes)

आलू की खेती की बात करें तो देश में अगेती और पिछेती आलू की खेती की जाती है। आलू की अगेती बुवाई 15 सितंबर से 25 सितंबर तक होती है। इसके साथ ही आलू की फसल के लिए पछेती बुवाई 15 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच की जाती है। मगर, देश के कई प्रदेश में तमाम किसान भाई 15 नवंबर से 25 दिसंबर के बीच भी आलू की पछेती बुवाई करते हैं।

ये बातें रखें ध्यान

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