Nutrition Distribution: केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार कुपोषण को लेकर गंभीर हैं। बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषाहार के रूप में चना की दाल, गेहूं का दलिया और खाद्य तेल दिया जा रहा है। आगरा में इसकी निगरानी बढ़ा दी गई है, जिससे कालाबाजारी की पुनरावृत्ति न हो सके।
लखनऊ/आगरा, उत्तर प्रदेश
Nutrition Distribution: देश में कुपोषण (Malnutrition) को मात देने के लिए पुष्टाहार (Nutrition) और जागरुकता को ‘अस्त्र’ के रूप में का इस्तेमाल किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के आगरा में कालाबाजारी (Black Marketing) का खुलासा हुआ था, जिसके बाद से डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी (IAS Arvind Mallappa Bangari) और सीडीओ प्रतिभा सिंह (IAS Pratibha Singh) लगातार मॉनिटरिंग करके सख्ती कर रहे हैं। उनकी सख्ती का असर बाल विकास सेवा (Child Development Services) एवं पुष्टाहार विभाग में नजर आ रहा है। प्रभारी डीपीओ हरीश कुमार मौर्य आये दिन किसी न किसी अव्यवस्था को दूर करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। जिन-जिन आंगनबाड़ी (Anganwadi) केंद्रों की शिकायतें आ रही हैं, उन पर नजर रखी जा रही है। पुष्टाहार वितरण से जुड़ी शिकायतों की समीक्षा और तेज कर दी गई है।
प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (District Program Officer) हरीश कुमार मौर्य ने बताया कि डीएम और सीडीओ के निर्देश पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत सभी लाभार्थियों को मिलने वाले पुष्टाहार वितरण (Nutrition Distribution) की व्यवस्था को और बेहतर करने की दिशा में काम चल रहा है। बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए पुष्टाहार के रूप में गेहूं का दलिया, चना की दाल और खाद्य तेल दिया जाता है। सभी खाद्य सामग्री पैकेट में पैक हैं। तीन महीनों की डीआई बनती है, जिसके बाद पुष्टाहार आता है। शहर में नैफेड और ब्लॉकों में एनआरएलएम के स्वयं सहायता समूहों के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने बताया कि जनपद में जिन-जिन आंगनबाड़ी केंद्रों की शिकायतें आ रही हैं उन पर नजर है। शिकायतों की समीक्षा तेज की गई है। निस्तारण में गुणवत्ता, समय और शिकायतकर्ता की संतुष्टि पर ध्यान दिया जा रहा है।
Nutrition Distribution: इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं (Negligence will not be tolerated in this work)
डीपीओ ने बताया कि सभी सीडीपीओ, प्रभारी सीडीपीओ और मुख्य सेविकाओं को निर्देशित किया गया है कि शिकायतों वाले आंगनबाड़ी केंद्रों पर नजर रखें। इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
रेंडम जांच करके निस्तारण का भौतिक सत्यापन (Physical verification of disposal by conducting random checks)
प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) हरीश कुमार मौर्य डीपीओ ने बताया कि औसतन विभिन्न माध्यमों से लगभग 80 से 100 शिकायतें प्रत्येक महीना में आती हैं। इनमें राशन (पुष्टाहार) नहीं दिया, अब बच्चे को आधा किलोग्राम के ही पैकेट दिये जाते हैं साथ में रिफाइंड नहीं मिलती है, जब हम पुष्टाहार लेने जाते हैं तब आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुष्टाहार नहीं देती हैं। ज्यादातर इसी तरक की शिकायतें होती हैं। सीडीपीओ और प्रभारी सीडीपीओ शिकायतों की जांच कर रहे हैं। उसके बाद ही पोर्टल पर निस्तारण की कार्रवाई को अपलोड किया जा रहा है। रेंडम भी निस्तारण का भौतिक सत्यापन करने की कार्रवाई हो रही है।
पुष्टाहार का ऑनलाइन हिसाब, लखनऊ-दिल्ली तक नजर (Online accounting of nutrition)
आंगनबाड़ी केंद्रों का ऑनलाइन हिसाब रखने के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का पोषण ट्रैकर एप है। इस एप पर लाभार्थियों का पंजीकरण, टीकाकरण, टीएचआर, वजन और केंद्र पर होने वाली गतिविधियों का डाटा आॅनलाइन रहता है। कार्यकत्री केंद्र का काम इस पर अपडेट करती हैं।
इनकी पुष्टाहार पहुंचाने की जिम्मेदारी (Their responsibility to deliver nutrition)
शहर की परियोजना में 508 आंगनबाड़ी केंद्र और विकास खंडों की परियोजनाओं में 2,474 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। शहर में आंगनबाड़ी केंद्रों को नैफेड संस्थान द्वारा पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाता है। वहीं विकास खंडों के आंगनबाड़ी केंद्रों को एनएलआरएम के महिला स्वयं सहायता समूह उपलब्ध कराते हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों के आसपास रहने वालों के मोबाइल नंबर कलेक्ट कर रहे (Mobile numbers of people living near Anganwadi centres were collected)
आगरा के प्रभारी डीपीओ हरीश कुमार मौर्य बताते हैं कि जिले में शहर, कस्बों और गांवों में लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्रों से पुष्टाहार मिल रहा है या नहीं, इसकी जानकारी करने के लिए एक नया काम शुरू करने जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों के आसपास रहने वाले लोगों में से एक-दो के मोबाइल नंबर कलेक्ट करेंगे। उन मोबाइल नंबरों पर हर महीना रेंडम कॉल करके पुष्टाहार वितरण के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के काम एवं व्यवहार की भी जानकारी कर सकेंगे। इस दिशा में काम शुरू कर दिया है।
Q: पोषाहार योजना क्या है? (What is the Poshan Yojana?)
A: पोषाहार योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centers) पर पूरक पोषाहार दिया जाता है। पोषाहार या पुष्टाहार की गुणवत्ता सुधारने के लिए राशि पांच रुपए से बढ़ाकर 9.50 रुपए प्रतिदिन कर दी गई है। योजना का उद्देश्य इस श्रेणी में आने वाली बालिकाओं के स्वास्थ्य स्तर में सुधार के साथ मनोवैज्ञानिक और मानसिक विकास करना है।
Q: गर्भवती महिला को आंगनबाड़ी में क्या-क्या पोषाहार मिलता है? (What nutrition does a pregnant woman get in Anganwadi?)
A: यूपी में आंगनवाड़ी केंद्र पर गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं तथा 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को छह सेवाओं का पैकेज प्रदान किया जाता है। इसमें पूरक पोषण (एसएनपी) के साथ ही प्री-स्कूल अनौपचारिक शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और रेफरल सेवाएं शामिल हैं।
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Hamen poshak har nahin milta hai hamara baccha ho gaya hai 8 manth ka hamara gaon hai kahin aur aur ham Tika karvate Hain kahin aur Jaise main Uttar Pradesh jila Mirzapur pratappur mein rahte hain iska pin number hai 23305 Jaise ham apna Tika Karate Hain Kai bar aganbadi ko bol chuke hain lekin vah sunti hi nahin hai