Nutrition Distribution: केंद्र और प्रदेश सरकार अनुपूरक पुष्टाहार योजना में आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को चना की दाल, गेहूं का दलिया और रिफाइंड (खाद्य तेल) दे रही है। कुपोषण से सुपोषण के लिए अभियान जारी है। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी बढ़ाने के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है। इससे पुष्टाहार वितरण और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के काम की जानकारी ली जा सकेगी।
आगरा, उत्तर प्रदेश
Nutrition Distribution: कुपोषण से बच्चों और महिलाओं को बचाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर संघर्ष कर रही हैं। अनुपूरक पुष्टाहार योजना और हॉटकुक्ड योजना के जरिए बच्चों एवं महिलाओं को पोषाहार के रूप में चना की दाल, गेहूं का दलिया और रिफाइंड (खाद्य तेल) आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर महीने दिया जा रहा है। आगरा में कई आंगनबाड़ी केंद्रों का पुष्टाहार एक निजी गोदाम में पकड़े जाने की घटना के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की गई है। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी (IAS Arvind Mallappa Bangari) और सीडीओ प्रतिभा सिंह (IAS Pratibha Singh) की सख्त मॉनिटरिंग के कारण प्रभारी डीपीओ (DPO) ने फुलप्रूफ प्लानिंग पर काम शुरू कर दिया है। इससे आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centers) को मिलने वाले पुष्टाहार की निगरानी और सख्त हो सके।
हेलो, मैं…बोल रहा हूं। क्या आपके यहां आंगनबाड़ी केंद्र पर इस महीने पुष्टाहार का वितरण (Nutrition Distribution) हुआ है या नहीं। आंगनबाड़ी कार्यकत्री (Anganwadi Worke) का कार्य कैसा है? सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही शहर से लेकर गांवों तक पुष्टाहार (Nutrition) का हाल जानने के लिए लोगों पर कॉल आना शुरू हो जाएंगी। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी (IAS Arvind Mallappa Bangari) और सीडीओ प्रतिभा सिंह (IAS Pratibha Singh) की सख्त मॉनिटरिंग के कारण प्रभारी डीपीओ (DPO) ने फुलप्रूफ प्लानिंग पर काम शुरू कर दिया है। इससे आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centers) को मिलने वाले पुष्टाहार की निगरानी और सख्त हो सके।
आगरा डीएम ने मॉनिटरिंग बढ़ाई (Agra DM increased monitoring)
उत्तर प्रदेश की बात करें तो आगरा जनपद में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (Child Development Services and Nutrition Department, UP) की 16 परियोजनाएं हैं। इन परियोजनाओं के 2,982 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3,95,580 लाभार्थी हैं (Beneficiaries), जिन्हें सरकार द्वारा पुष्टाहार दिया जाता है। पुष्टाहार के रूप में रिफाइंड तेल (455 ग्राम), चना की दाल (1 किलोग्राम, 500 ग्राम) और दलिया (1 किलोग्राम, 500 ग्राम, 1.5 किलोग्राम) के पैकेट्स दिये जाते हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी और बढ़ाने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। माना जा रहा है कि इससे आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों को बांटे जाने वाले पुष्टाहार और कार्यकत्री के काम की जानकारी पड़ोसियों द्वारा हो सकेगी। उन्हें रेंडम कॉल करके पता लगा सकेंगे कि पुष्टाहार बांटा गया है या नहीं। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और सीडीओ प्रतिभा सिंह ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की मॉनिटरिंग और बढ़ा दी है। हाल ही में जिस तरह से आंगनबाड़ी केंद्रों का पुष्टाहार एक निजी गोदाम में पाया गया। मामला सीएम तक पहुंचा। उसके बाद डीपीओ, सीडीपीओ, गोदाम मालिक सहित कई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर कार्रवाई हुई। इसकी पुनर्रावृत्ति न हो इसलिए यह कदम उठाया जा रहा है। दूध का जला छाछ फूंक-फूंक कर पीता है वैसे ही अधिकारी अब हर कदम पूरी प्लानिंग और सख्ती के साथ उठा रहे हैं। जो भी शिकायतें आ रही हैं उनके निस्तारण में गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
Nutrition Distribution: पुष्टाहार की कालाबाजारी का हुआ था खुलासा
आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी ((Black marketing of nutrition was exposed) का खेल 26 सितंबर को जिलापूर्ति अधिकारी संजीव कुमार सिंह (District Supply Officer Sanjeev Kumar Singh) की टीम ने किया था। टीम ने नाई की मंडी में प्रवीन अग्रवाल के गोदाम पर छापामार कार्रवाई में हुआ था। गोदाम में आंगनबाड़ी लाभार्थियों को बंटने वाले खाद्यान्न की बोरियां में चना की दाल, रिफाइंड और दलिया मिला था। बाल विकास परियोजना अधिकारी ने नाई की मंडी थाना में गोदाम मालिक आरोपित प्रवीन अग्रवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने प्रवीन अग्रवाल और खाद्यान्न बेचने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इंदु शर्मा और भारती देवी गिरफ्तार करके जेल भेजी हैं। आगरा डीएम ने सीएम योगी के निर्देश पर सुपरवाइजर समेत 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निलंबित कीं। इसके साथ ही डीपीओ और सीडीपीओ भी निलंबित हो चुके हैं।
जांच में ये मिली थी शिकायतें (These complaints were received during investigation)
आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी और भ्रष्टाचार (corruption of nutrition in Agra) को मामला उजागर होने पर प्रारंभिक छानबीन में तमाम लाभार्थियों ने ये बताया था कि उन्हें पुष्टाहार नहीं मिलता है, लेकिन हर महीने मैसेज जरूर आता था। ये काम अधिकारियों की मिली भगत से होता था। जब शिकायत की तो समाधान तो हुआ नहीं। पुष्टाहार देने के बजाय उल्टे देख लेने की धमकी जरूर मिलती थी। इस बारे में सीडीओ प्रतिभा सिंह ने बताया कि जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के यहां पर पंजीकृत लाभार्थियों की सूची का सत्यापन कराया जा रहा है। जिस भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने लाभार्थियों को पुष्टाहार नहीं दिया है। इसकी पुष्टि होने पर कार्रवाई की जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी और बढ़ाने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। माना जा रहा है कि इससे आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों को बांटे जाने वाले पुष्टाहार और कार्यकत्री के काम की जानकारी पड़ोसियों द्वारा हो सकेगी। उन्हें रेंडम कॉल करके पता लगा सकेंगे कि पुष्टाहार बांटा गया है या नहीं। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और सीडीओ प्रतिभा सिंह ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की मॉनिटरिंग और बढ़ा दी है।
अब पुष्टाहार वितरणा में सख्ती की योजना बनी (Now a plan has been made to be strict in the distribution of nutrition)
आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी (Black Marketing of Nutrition in Agra) का खुलासा होने पर इसकी पुनर्रावृत्ति न हो। इसलिए नई पहल और सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। जिसके तहत जिले में जहां-जहां आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। वहां आसपास रहने वाले लोगों के मोबाइल नंबर कलेक्ट किये जाएंगे। विभाग की ओर से उन लोगों के मोबाइल नंबर पर कॉल करके पुष्टाहार वितरण की जानकारी की जाएगी। दूध का जला छाछ फूंक-फूंक कर पीता है, वैसे ही अधिकारी अब हर कदम पूरी प्लानिंग और सख्ती के साथ उठा रहे हैं। जो भी शिकायतें आ रही हैं उनके निस्तारण में गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
पुष्टाहार का ऑनलाइन हिसाब, लखनऊ-दिल्ली तक नजर (Online accounting of nutrition)
आंगनबाड़ी केंद्रों का ऑनलाइन हिसाब रखने के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का पोषण ट्रैकर एप है। इस एप पर लाभार्थियों का पंजीकरण, टीकाकरण, टीएचआर, वजन और केंद्र पर होने वाली गतिविधियों का डाटा आॅनलाइन रहता है। कार्यकत्री केंद्र का काम इस पर अपडेट करती हैं।
इनकी पुष्टाहार पहुंचाने की जिम्मेदारी (Their responsibility to deliver nutrition)
शहर की परियोजना में 508 आंगनबाड़ी केंद्र और विकास खंडों की परियोजनाओं में 2,474 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। शहर में आंगनबाड़ी केंद्रों को नैफेड संस्थान द्वारा पुष्टाहार उपलब्ध कराया जाता है। वहीं विकास खंडों के आंगनबाड़ी केंद्रों को एनएलआरएम के महिला स्वयं सहायता समूह उपलब्ध कराते हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों के आसपास रहने वालों के मोबाइल नंबर कलेक्ट कर रहे (Mobile numbers of people living near Anganwadi centres were collected)
आगरा के प्रभारी डीपीओ हरीश कुमार मौर्य बताते हैं कि जिले में शहर, कस्बों और गांवों में लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्रों से पुष्टाहार मिल रहा है या नहीं, इसकी जानकारी करने के लिए एक नया काम शुरू करने जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों के आसपास रहने वाले लोगों में से एक-दो के मोबाइल नंबर कलेक्ट करेंगे। उन मोबाइल नंबरों पर हर महीना रेंडम कॉल करके पुष्टाहार वितरण के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के काम एवं व्यवहार की भी जानकारी कर सकेंगे। इस दिशा में काम शुरू कर दिया है।
Q: पोषाहार योजना क्या है? (What is the Poshan Yojana?)
A: पोषाहार योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centers) पर पूरक पोषाहार दिया जाता है। पोषाहार या पुष्टाहार की गुणवत्ता सुधारने के लिए राशि पांच रुपए से बढ़ाकर 9.50 रुपए प्रतिदिन कर दी गई है। योजना का उद्देश्य इस श्रेणी में आने वाली बालिकाओं के स्वास्थ्य स्तर में सुधार के साथ मनोवैज्ञानिक और मानसिक विकास करना है।
A: यूपी में आंगनवाड़ी केंद्र पर गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं तथा 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को छह सेवाओं का पैकेज प्रदान किया जाता है। इसमें पूरक पोषण (एसएनपी) के साथ ही प्री-स्कूल अनौपचारिक शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और रेफरल सेवाएं शामिल हैं।
Leave a comment