Nutrition Distribution: केंद्र और प्रदेश सरकार की कुपोषण मात देने वाली पुष्टाहार और जागरुकता की व्यवस्था को और बेहतर करने की दिशा में एक के बाद एक कदम उठाये जा रहे हैं। अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों के अभिभावकों के मोबाइल नंबरों पर पुष्टाहार वितरण का संदेशा जाएगा, जि समें वितरण की तारीख और समय भी लिखा होगा।
लखनऊ/आगरा, उत्तर प्रदेश
Nutrition Distribution: उत्तर प्रदेश में आगरा पहला ऐसा जनपद हो सकता है, जहां आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centers) पर पंजीकृत लाभार्थियों के अभिभावकों के शत-प्रतिशत मोबाइल नंबरों के शत-प्रतिशत वॉट्सएप ग्रुप (WhatsApp Groups) बनेंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों और महिलाओं को मिलने वाले पुष्टाहार की कालाबाजारी नहीं हो। इसलिए आगरा के डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी (IAS Arvind Mallappa Bangari) और सीडीओ (IAS Pratibha Singh) प्रतिभा सिंह की सख्ती पर ये योजना बनाई गई है। उन्होंने दोनों अधिकारियों ने दो टूक शब्दों में अधीनस्थों से कहा दिया है कि पुष्टाहार वितरण (Nutrition Distribution) में किसी भी तरह की गड़गड़ी की शिकायत नहीं मिली चाहिए। यदि पुष्टाहार वितरण में लापरवाही बरती गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। जिसके चलते ही अब आगे वाले दिनों में जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों (Beneficiaries) के मोबाइल नंबर (Mobile Numbers) पर अब पुष्टाहार वितरण की सूचना पहुंचेगी।
आगरा में बीते माह पुष्टाहार की कालाबाजारी (Black Marketing) और जमाखोरी (Hoarding Nutrition) का मामला लखनऊ तक गूंजा था। एक निजी गोदाम में पुष्टाहार का दलिया, रिफाइंड, चना दाल और अन्य मिला था। जिस पर गोदाम संचालक के खिलाफ नाई की मंडी थाना में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने गोदाम संचालक और दो आंगनबाडी वर्कर (Anganwadi Workers) भी जेल गईं। इसमें मामले में सीएम योगी (CM Yogi) ने आगरा डीएम को सख्त निर्देश दिए। जिस पर इस मामले में अब तक डीपीओ, सीडीपीओ समेत 17 आंगनबाडी वर्कर निलंबित की गईं हैं।
Nutrition Distribution: आगरा में 2982 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित (2982 Anganwadi centers in Agra)
दरअसल, आगरा में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (Child Development Services and Nutrition Department) के अधिकारियों पर ‘दूध के जले छाछ को फूंक-फूंक को पीना’ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (In-charge District Program Officer) हरीश कुमार मौर्य ने बताया कि जनपद में 16 परियोजनाओं के अंतर्गत 2982 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें सबसे अधिक शहर परियोजना में 508 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में जो प्रकरण हुआ था उसकी पुनरावृत्ति न हो, उसके लिए लगातार एक के बाद एक ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
अभिभावकों के मोबाइल नंबरों के वॉट्सएप ग्रुप बनाए (WhatsApp groups of parents’ mobile numbers created)
डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और सीडीओ प्रतिभा सिंह आगरा में पुष्टाहार वितरण की स्वयं समीक्षा कर रहे हैं। दोनों अधिकारियों के निर्देश पर अव्यवस्थाएं दूर करने की कवायद तेजी से हो रही है। इसीक्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों पर जो लाभार्थी हैं उनके अभिभावकों के मोबाइल नंबरों के वॉट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे। सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी, प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी और मुख्य सेविकाओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा वॉट्सएप ग्रुप बनवाने के निर्देश दिये गए हैं। इस कार्य में किसी भी तरह की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
इस तरह की समस्याएं होंगी कम (Problems like these will be reduced)
डीपीओ हरीश कुमार मौर्य ने बताया कि वॉट्सएप ग्रुप बनने से कई समस्याओं का समाधान हो सकेगा। पहली हमें पुष्टाहार कब वितरण होगा इसकी कोई जानकारी नहीं दी जाती है, दूसरी पुष्टाहार आया या नहीं कोई जानकारी नहीं मिलती है, तीसरी कितने बजे से कितने बजे तक पुष्टाहार वितरण होता है जैसी कई समस्याओं की संख्या कम हो जाएगी।
शिकायतों का आंकड़ा आएगा नीचे (The number of complaints will come down)
डीपीओ हरीश कुमार मौर्य ने बताया कि वॉट्सएप ग्रुप व्यवस्था से लोगों में पुष्टाहार वितरण को लेकर पारदर्शिता रहेगी। इस ग्रुुप पर भी पुष्टाहार वितरण वाले फोटो सेंड किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि महीने में औसतन 80-100 शिकायतें आती हैं, जिनमें ऐसी शिकायतों की काफी संख्या होती है। वॉट्सएप बनने से शिकायतों को आंकड़ा बहुत कम हो जाएगा। साथ ही जागरुकता भी बढ़ेगी।
Q: आंगनवाड़ी में कितने वर्ष तक के बच्चों को पूरक आहार मिलता है ? (Children up to how many years of age get supplementary food in Anganwadi?)
A: देश में पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य और पोषण को पूरक आहार दिया जाता है। जिससे स्थिति में सुधार लाना है। पूरक आहर में 6 महीने से 6 वर्ष की आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को वर्ष में 300 दिन पोषण सहायता दी जाती है।
Q: कुपोषित बच्चों के आहार से कौन से पोषक तत्व गायब हैं? (Which nutrients are missing from the diet of malnourished children?)
A: यदि आपका बच्चा या परिवार को कोई सदस्य कुपोषण का शिकार होता है तो उसकी डाइट पर ध्यान दें। कुपोषित के शिकार को आहार में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व देने चाहिए। जिसमें फैट्स, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, प्रोटीन, खनिज-लवण और पानी समेत अन्य होना चाहिए। देखा जाए तो कुपोषण दो तरह के होते हैं। अल्पपोषण में पोषक तत्वों की कमी होती है। आपका लंबाई और वजन कम हो जाता है। इसलिए, एक चिकित्सक और डायटीशियन के आधार पर आहार दें।
Q: कुपोषित बच्चे को क्या खाना देना है? (What to feed a malnourished child?)
A: कुपोषित बच्चे या व्यक्ति को मुख्य भोजन में प्रतिदिन अधिक चावल और दालें खाने को दें। यदि बच्चे चावल और दाल से ऊब जाए तो चावल नहीं खाना चाहते हैं। यदि परिवार नॉनेज खाना ता है तो कुपोषित बच्चे या व्यक्ति को मांस के साथ पकाकर पतले दलिया के साथ दें।
Q: कुपोषण में क्या खाएं? (What to eat in malnutrition?)
A: एक कुपोषित बच्चे, महिला या पुरुष की देखभाल के साथ ही उसकी डाइट पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। कुपोषण ग्रसित को खाद्य पदार्थ के साथ ही दूध और डेयरी उत्पाद दूध दें। कुपोषित बच्चों के लिएर् डेयरी उत्पाद बेहद जरूरी हैं। जिसमें दूध और डेयरी उत्पाद जैसे पनीर, दही कैल्शियम और वसा (आपके बच्चे की पोषण स्थिति को बेहतर बनाने के लिए दो बहुत महत्वपूर्ण तत्व) से भरपूर होते हैं। ये खूब खिलाएं। संतुलित आहार से जरूरी पौष्टिक तत्व मिलेंगे। जिससे कुपोषण दूर होगा।
Q: यूपी आंगनवाड़ी की वेबसाइट क्या है? (What is the website of UP Anganwadi?)
A: यूपी में होने वाली आंगनबाड़ी भर्ती आवेदन पत्र भरने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट upanganwadibharti.in पर विजिट करें। वेबसाइट के होम पेज पर पहले रजिस्टर बटन पर क्लिक करें।
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