Kisan Diwas:रबी सीजन में आलू की फसल के लिए किसानों को सबसे ज्यादा डीएपी की डिमांड रहती है। उन्हें कालाबाजारी के माध्यम से भी डीएपी खरीदनी पड़ती है। साथ ही किसानों तक नकली डीएपी भी पहुंचती है। आलू की बुवाई होने तक डीएपी की किल्लत उत्तर प्रदेश ही नहीं आसपास के प्रदेशों में भी सामने आती है। आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने किसानों से वादा किया कि छापामार कार्रवाई में अब तक जो डीएपी (5000 बोरा) पकड़ी है यदि वह लैब की जांच रिपोर्ट में असली निकली तो उसे किसानों में बांटा जाएगा।
आगरा, उत्तर प्रदेश
Kisan Diwas: आगरा में आयोजित किसान दिवस (Kisan Diwas) पर बुधवार को किसानों ने डीएपी (DAP) की किल्लत और वितरण में हो रही लापरवाही को लेकर सवाल खडे किए। आलू के बीज (potato seeds) के वितरण और नहर की सफाई कराने की मांग की। किसानों ने कहा कि सिंचाई विभाग (Irrigation Department) के अधिकारियों की वजह से किसान परेशान हैं। लगातार शिकायत के बाद किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया जाता है। इस पर आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने किसानों को बताया कि जिले में डीएपी की कमी नहीं है। लगातार आगरा में डीएपी ओर अन्य खाद की रैक आ रही हैं। मंगलवार को ही जिले में 2520 टन डीएपी, 693 एनपीके आई है। जिसे सहकारी समितियों पर भेज दिया गया है। जहां से किसानों को डीएपी मिलेगी। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी (IAS Arvind Mallappa Bangari) ने कहा कि जिले में बिजली किसानों को भरपूर मिले। इसको लेकर बीते दिनों जिले में जिला प्रशासन और कृषि विभाग की टीमों ने जो छापेमारी। जिसमें पांच हजार से अधिक बोरी डीएपी की जब्त की गईं हैं। इस डीएपी की जांच कराई जा रही है। डीएपी की जांच रिपोर्ट आने पर असली डीएपी निकलती हैं तो उन्हें सहकारी समितियों की मदद से किसानों में वितरित किया जाएगा।
बता दें कि जिले में 3.50 लाख से अधिक किसान हैं। जो गेंहू, आलू व सरसों समेत अन्य फसलें करते हैं। यूपी में इस समय किसान आलू, सरसों और आलू की बुवाई करने में लगे हैं। इन फसलों की बुवाई में डीएपी की जरूरत होती है। जिसके लिए ही जिले में डीएपी खरीदने के लिए भटक रहे हैं। किसान डीएपी ना मिलने से परेशान हैं। शिकायत पर डीएम शासन स्तर पर डीएपी, एनपीके मंगाने के लिए पैरवी की। आगरा डीएम डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि जिले में अब तक करीब सात हजार टन से अधिक खाद वितरित हो चुकी है। जिन समितियों की मांग लंबित है, उन पर पहले डीएपी भेजी जाए।
Kisan Diwas: खतौनी बिना डीएपी नहीं मिलेगी (DAP will not be available without Khatauni)
आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि डीएपी की बिक्री खतौनी, आधार कार्ड व मोबाइल नंबर के आधार पर की जा रही है। जिले में फसल की जरूरत के हिसाब से डीएपी की मात्रा तय की गई है। उसकी के आधार पर डीएपी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि डीएपी वितरण में किसी भी तरह की गड़बड़ी सामने आने पर संबंधित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। जिले में भी तक नौ मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
जिले में आई 2520 टन डीएपी (2520 tonnes of DAP arrived in the district)
जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि डीएपी की जिले में कोई किल्लत नहीं है। जिले में मंगलवार को 2520 टन डीएपी व 693 टन एनपीके की नई रैक आई है। जिसे सहकारी समितियों के जरिए वितरित किया जाएगा। इसके साथ ही जो किसान एनपीके और नैनो यूरिया से पैदावार बढ़ा रहे हैं। वे किसान अब जिले में दूसरे किसानों को भी जागरूक करेंगे।
गोबर खाद, कंपोस्ट, खाद, जैविक खाद का उपयोग करें (compost, manure, organic manure)
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने किसानों की समस्याएं सुनने से पहले खाद की किल्लत के मामले में किसानों से डीएपी के साथ-साथ एनपीके एवं अन्य फॉस्फेटिक उर्वरकों को खरीदने की बात कही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि उर्वरकों का इस्तेमाल मृदा की जांच कराकर ही करें। किसान खेती में ज्यादा से ज्यादा गोबर खाद, कंपोस्ट, खाद, जैविक खाद और हरी खाद का खेतों में इस्तेमाल करें। इससे खेतों की मृदा की उर्वरा शक्ति सुधरेगी और कम लागत में किसान फसलों से अच्छी पैदावार ले सकेंगे।
फसल बुवाई से पहले कराएं मृदा की जांच (Get the soil tested before sowing the crop)
आगरा के बिचपुरी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह चौहान ने किसानों को मृदा परीक्षण के बाद उर्वरकों की निर्धारित डोज ही फसलों में इस्तेमाल करनी चाहिए। उन्होंने किसानों को कम लागत में आलू बीज की उपचार करने का तरीका बताया। उन्होंने किसानों से कहा कि कोई भी फसल करें। यहां की जलवायु के हिसाब से ही खेती करें। मगर, बुवाई से पहले मृदा की जांच जरूर कराएं। जिससे मृदा में मौजूद सभी 17 पौषक तत्वों की जानकारी हो जाएगी। मृदा की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही खेती में डीएपी, एनपीके और यूरिया समेत अन्य उर्वरक का इस्तेमाल करें। जिससे फसल की लागत कम आएगी।
किसानों को बांटी जाएगी जब्त डीएपी (Seized DAP will be distributed to farmers)
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने किसान दिवस में किसानों को भरोसा दिलाया कि रबी सीजन की फसलों के लिए खाद (उर्वरकों) पर्याप्त मात्रा में मिलेगा। किसान निर्धारित डोज और मृदा परीक्षण पर जोर दें। इससे फसलों की लागत घटने के साथ-साथ मृदा का स्वास्थ्य भी खराब नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अभी तक छापामार कार्रवाई में लगभग पांच हजार बोरा डीएपी पकड़ी कई है। इसकी जांच कराने के लिए नमूने लैब भेजे गए हैं। यदि लैब की जांच रिपोर्ट में डीएपी सही यानी असली मिली तो उसको किसानों को देने के लिए सहकारी समितियों को आवंटन कर दिया जाएगा।
डीएपी कालाबाजारी में नौ एफआईआर दर्ज हुईं (Nine FIRs registered in DAP black marketing)
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी (District Magistrate Arvind Mallappa Bangari) ने कहा कि खाद की कालाबाजारी करने और नकली खाद बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। छोटी से छोटी समस्या को गंभीरता से लिया जाएगा। आगरा में अब तक नौ एफआईआर की कार्रवाई की गई। जहां पर भी शिकायत मिलती है। उस दुकान या सहकारी समिति का औचक निरीक्षण किया जाता है। उन्होंने किसानों से कहा कि रात में बिजली की आपूर्ति के बारे में डीवीवीएनएल के जिम्मेदार अधिकारियों से बात करेंगे।
किसानों ने गिनाई ये समस्याएं (These problems were listed by the farmers)
किसानों ने जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी से नहरों की सफाई मानकों के अनुरूप करने, पर्याप्त मात्रा में आलू बीज वितरण और गोवंश से होने वाली समस्याओं को भी जिलाधिकारी को बताया। मांग की कि किसानों की जो भी समस्याएं हैं। उसका जल्द से जल्द समाधन किया जाए। जिससे किसानों की मेहनत खराब ना हो। जिलाधिकारी अरविंद मल्लपा बंगारी ने किसानों को समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है। किसान दिवस में किसान नेता मोहन सिंह चाहर, श्याम सिंह चाहर, लाखन सिंह त्यागी, सोमवीर यादव, भगवान सिंह त्यागी, उदयवीर सिंह, राजवीर लवानियां, पुष्पेंद्र जैन, सुभाष चाहर आदि मौजूद रहे।
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