आगरा सीडीओ प्रतिभा सिंह (CDO Pratibha Singh) से भी इस बारे में वार्ता हुई। उनकी तरफ से कहा गया है कि किसानों के लिए आलू का बीज ज्यादा से ज्यादा उपलब्ध करवाएंगे। उसके लिए एक पत्र उनकी तरफ से भी लिखा जाएगा।
आगरा (उत्तर प्रदेश)।
Horticulture Department: उत्तर प्रदेश में उद्यान विभाग (Horticulture Department in Uttar Pradesh) किसान भाईयों को उन्नत किस्म के आलू का बीज (improved variety of potato seeds) देगा. यूपी के आलू उत्पादन (potato production in UP) में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले आगरा मंडल में हर साल रकबा बढ़ रहा है। अकेले आगरा जनपद में आलू का रकबा 74 हजार हेक्टेयर पार कर गया है। यह आंकड़ा इस साल 75 हजार हेक्टेयर तक पहुंचने की संभावना है। उद्यान विभाग से आलू का उन्नतशील बीज लेने वाले किसानों की संख्या में भी हर साल बढ़ रही है। इसलिए, इस बार जिले के उद्यान विभाग अधिकारियों ने उप्र शासन से 8000 कुंतल (8000 quintals) आलू के उन्नतशील बीज (potato seeds) की डिमांड की गई है। विभाग ने किसानों के लिए आवेदन प्रक्रिया की तारीख भी तय कर दी है।
आगरा की जिला उद्यान अधिकारी अनीता सिंह (Agra’s District Horticulture Officer Anita Singh) ने बताया कि आगरा जनपद के लिए 8000 कुंतल आलू के बीज की डिमांड की गई है। पिछले साल आगरा के किसानों के लिए लगभग 4800 कुंतल आलू बीज को मिल सका था । लेकिन, आवेदन करने वालों की संख्या और डिमांड ज्यादा थी। इसलिए इस साल ज्यादा से ज्यादा किसानों को आलू का बीज मिल सके। उसके लिए शासन से आलू का बीज बढ़ाने के लिए डिमांड भेजी गई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सीडीओ प्रतिभा सिंह (CDO Pratibha Singh) से भी इस बारे में वार्ता हुई। उनकी तरफ से कहा गया है कि किसानों के लिए आलू का बीज ज्यादा से ज्यादा उपलब्ध करवाएंगे। उसके लिए एक पत्र उनकी तरफ से भी लिखा जाएगा।
20 सितंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू (process starts from 20 September)
आगरा की जिला उद्यान अधिकारी अनीता सिंह बताती हैं कि जनपद के आलू उत्पादक किसानों के लिए विभाग ने आलू बीज के वितरण की तारीख तय कर दी है। आलू के बीज को पाने के लिए किसान भाई 20 सितम्बर से 5 अक्टूबर 2024 तक अपना आवेदन पत्र जिला उद्यान अधिकारी के कार्यालय संजय प्लेस में जमा करा सकते हैं। इच्छुक किसान भाई अपने लिए आलू बीज के लिए आवेदन पत्र कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। इच्छुक किसान भाईयों को आवेदन पत्र की सभी औपचारिकताएं पूर्ण करके हर हालत में पांच अक्टूबर तक कार्यालय में जमा करना है।
पहले आओ पहले पाओ की नीति लागू (First come first serve policy)
जिला उद्यान अधिकारी अनीता सिंह बताती हैं कि आलू के बीज वितरण से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए किसान भाई किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय आकर जानकारी कर सकते हैं। इसके अलावा संचार संपर्क कार्यालय नंबर 0562- 4006972 और सहायक उद्यान निरीक्षक संजीव कुमार के मोबाइल नम्बर 7409145525 पर संपर्क कर सकते हैं।
किसान यहां कर सकते हैं संपर्क (Farmers can contact here)
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि आलू के बीज वितरण से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय आकर जानकारी कर सकते हैं। इसके अलावा संचार संपर्क कार्यालय नंबर 0562- 4006972 और सहायक उद्यान निरीक्षक संजीव कुमार के मोबाइल नम्बर 7409145525 पर संपर्क कर सकते हैं।
आलू की बुवाई से पहले इन बातों का ध्यान रखें (Keep these things in mind before sowing potatoes)
आलू की खेती की बात करें तो देश में दो अगेती और पिछेती आलू की खेती की जाती है। देश में आलू की फसल के लिए अगेती बुवाई 15 सितंबर से 25 सितंबर तक होती है। इसके साथ ही आलू की फसल के लिए पछेती बुवाई 15 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच की जाती है। मगर, देश में तमाम किसान भाई 15 नवंबर से 25 दिसंबर के बीच भी आलू की पछेती बुवाई करते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
- आलू की खेती के लिए खेत की अच्छे से जुताई करके भुरभुरा बना लें।
- खेत में गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद डालकर मिट्टी को उपजाऊ बनाएं।
- मिट्टी परीक्षण के आधार पर खेती में खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल करें।
- आलू के लिए रोग प्रतिरोधी और अच्छी पैदावार देने वाली किस्म के बीज चुनें।
- आलू के बीजों को बुवाई से पहले दो से तीन दिन तक धूप में जरूर रखें।
- आलू के बीज की बुवाई के समय कतारों में 60-75 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
- आलू की बुवाई में कतारों में बीजों के बीच 20-25 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
- आलू की बुवाई के बाद जमीन में आलू बीज को 5-7 सेंटीमीटर गहराई में बोएं।
- आलू की बुवाई के बाद खेत की जरूरी और नियमित रूप से सिंचाई करें।
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