Basmati Rice Export News: केंद्र सरकार ने पिछले साल अक्टूबर की शुरुआत में बासमती चावल के निर्यात के लिए न्यूनतम कीमत 1200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर दी थी । अधिक कीमतों के कारण निर्यात प्रभावित होने की चिंता के चलते सरकार ने ऐसा किया गया था।
नई दिल्ली.
Basmati Rice Export News: केंद्र सरकार (central government) ने किसानों की आमदनी बढाने के लिए एक और कदम उठाया है। सरकार ने बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात मूल्य (Minimum Export Price) को हटा दिया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने दो और महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इस बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chauhan) शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा था कि बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क (MEP) को हटाने का फैसला किसानों के लिए बेहद लाभकारी है। ये पीएम मोदी की किसान हितैषी एक और अहम फैसला है।
केंद्रीय कृषि मंत्री (Union Agriculture Minister) शिवराज सिंह ने केंद्र सरकार के अहम फैसलों को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पिछले वर्षों में किसान हितैषी कई अहम फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा, किसान हित मे सरकार ने खाद्य तेलों के आयात शुल्क को जीरो फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। जो एक महत्वपूर्ण फैसला है. अन्य उपकरणों को जोड़ने पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5 फीसदी हो जाएगा। इस कदम से सभी तिलहन किसानों खासतौर से सोयाबीन और मूंगफली के किसानों को अच्छे भाव मिलेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, सरकार ने बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने का निर्णय भी लिया है। जो बासमती की खेती करने वाले किसानों के हित में लिया गया एक अहम फैसला है.
किसानों की बढ़ेगी आमदनी (Income of farmers will increase)
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री (Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) पीयूष गोयल ने कहा कि पीएम मोदी ने निर्यात प्रोत्साहन और किसानों की आमदनी में बढ़ाने के लिए तीन अहम महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. जिनसे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) से इस निर्णय को लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया गया है। एपीडा (APEDA) बासमती (Basmati rice) निर्यात के लिए किसी भी अवास्वतिक मूल्य पर होने वाले निर्यात अनुबंध पर करीब से नजर रखेगा। सरकार ने पिछले साल अक्टूबर की शुरुआत में बासमती चावल के निर्यात के लिए न्यूनतम कीमत को 1200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर दिया था। अधिक कीमतों के कारण निर्यात प्रभावित होने की चिंताओं के चलते ऐसा किया गया था। सरकार ने 27 अगस्त, 2023 को प्रीमियम बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल के अवैध निर्यात पर लगाम लगाने के लिए 1200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से कम कीमत पर बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया था। भारत का बासमती चावल का कुल निर्यात 2022-23 में कीमत के लिहाज से 4.8 अरब डॉलर रहा। जबकि मात्रा के लिहाज से यह 45.6 लाख टन था।
रिफाइन तेल पर मूल शुल्क बढ़ाया (Basic duty on refined oil increased)
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश के किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध केंद्र सरकार ने रिफाइन ऑयल के लिए मूल शुल्क (बेसिक ड्यूटी) को 32.5 फीसदी तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। जिससे रिफाइनरी तेल के लिए सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग में वृद्धि होगी। ऐसे में देश में जो किसान भाई इनकी फसलें करते हैं. उन किसानों को उनकी फसलों के अच्छे दाम मिलेंगे. इसके साथ ही छोटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिफाइनरी बढ़ने से वहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
ये बोले पीएम मोदी (PM Modi said)
पीएम मोदी ने सरकार के तीन अहम फैसले को लेकर कहा कि, देश के किसान भाई – बहनों के हित सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। चाहे प्याज का निर्यात शुल्क कम करना हो या खाद्य तेलों का आयात शुल्क बढ़ाना हो। ऐसे कई फैसलों से हमारे देश के अन्नदाताओं को बहुत लाभ होने वाला है।
ये बोले गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah said)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि, देश के किसानों के हित में मोदी सरकार ने तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सरकार ने किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाने के लिए निर्यात बढ़ा रही है। जिससे वे अपनी फसल का अधिक से अधिक दाम प्राप्त कर सकें।
प्याज के निर्यात शुल्क में 20 फीसदी की कटौती (20 percent cut in onion export duty)
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान का कहना है कि, किसानों की प्रगति के प्रति संकल्पित सरकार ने प्याज के निर्यात शुल्क को 40 से घटाकर 20 फीसदी कर दिया है। सरकार के निर्यात शुल्क के कम दर करने से प्याज उत्पादक किसानों को प्याज के अच्छे दाम मिलेंगे। इसके साथ ही प्याज का निर्यात भी बढ़ेगा। केंद्र सरकार के इस निर्णय से देश के किसान भाईयों के साथ ही प्याज से जुड़े अन्य क्षेत्रों को भी सीधा लाभ मिलेगा।
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