Fertilizer News: यूपी की बात करें तो अधिकतर जिलों में रबी सीजन में फसलों की बुवाई की वजह से डीएपी को लेकर मारामारी मची हुई है। गेंहू, सरसों और आलू की बुवाई को लेकर किसानों में डीएपी की अधिक डिमांड है। जिसकी वजह से डीएपी की दिक्कत और कालाबाजारी की खूब शिकायतें आ रही हैं। जबकि, हर जिले में एक ऐसी खाद, जो तीन पोषक तत्वों को मिश्रण है। उसके भण्डार भरे हुए हैं। किसान उसे खरीद नहीं रहे हैं। कृषि विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी हर जिले में किसानों को खाद एनपीके बारे में समझा रहे हैं। आइए, जानते हैं एनपीके खाद आगरा जिले में कितनी उपलब्ध है।
आगरा, उत्तर प्रदेश
Fertilizer News: यूपी के तमाम जिलों में खाद को लेकर मारामारी मची है। आगरा मंडल की बात करें तो जिला प्रशासन और कमिश्नर ने खाद की कालाबाजारी को लेकर अभियान भी चलाया। डीएपी (DAP) की किल्लत अभी भी बनी हुई है। मगर, एक ऐसी खाद (Fertilizer News) जो अच्छी फसल में बेहद कारगर है। उसे किसान पूछ तक नहीं रहे हैं। इसे किसानों में जागरुकता की कमी कहें या सिर्फ होड़। जी हां, हम बात कर रहे हैं एनपीके खाद (NPK Fertilizer) की। NPK के उपयोग से पौधों का बेहतर विकास होने के साथ ही पौधों की जडें भी मजबूत होती हैं। जिससे ही फसलों (Crops) में भरपूर पैदावार होती है। आइए, एनपीके (NPK) के पोषक तत्व (Nutrients) और उसकी उपलब्धता के बारे में जानते हैं…
आगरा जिले की बात करें तो गोदामों में खाद फॉस्फेटिक (DAP ) भरा पड़ा है। लेकिन जनपद में खाद की किल्लत का हल्ला इतना मचा कि मंडलायुक्त (Divisional Commissioner), जिलाधिकारी (District Magistrate), मुख्य विकास अधिकारी (Chief Development Officer) को भी फील्ड में दौड़ना पड़ा। उन्होंने खाद की दुकानों और बी-पैक्स (B-PACs) पर जा-जाकर औचक निरीक्षण किये। किसानों से बात की और उन्हें खाद मिलने का भरोसा दिलाया। वहीं कालाबाजारी करने की फिराक में डीएपी की जमाखोरी (Hoarding DAP) करने वालों पर मुकदमा दर्ज करने जैसी कानूनी कार्रवाई कराई गई। इसके चलते प्रदेश में आगरा सबसे अधिक मुकदमा दर्ज कराने वाला पहला जनपद बन गया। आगरा में खाद की किल्लत की गूंज लखनऊ तक पहुंची।
Fertilizer News: एनपीके, एमओपी, एसएसपी समेत अन्य खादें भी लें किसान
बता दें कि प्रशासनिक अमला भी खाद का वितरण करवाने में लग हुआ है। खाद की कालाबाजारी और खाद वितरण से कृषि विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। दिन-रात खाद को लेकर अधिकारी कार्रवाई करने में जुटे हैं। इतना कुछ हुआ, लेकिन शासन की नजर में आगरा के लिए खाद पर्याप्त ही रहा। शासन की नजर में खाद का मतलब (फॉस्फेटिक उर्वरक हैं) केवल डीएपी नहीं है। इसके अलावा एनपीके, एमओपी, एसएसपी समेत अन्य खादें (Farmers should also take other fertilizers including NPK, MOP, SSP)भी हैं। इनका आवंटन भी शासन से हर जिले को किया जाता है। इसलिए जिला प्रशासन और कृषि विभाग के लिए परेशानी बढ़ जाती है। क्योंकि किसानों की खाद के रूप में डीएपी पहली और सबसे ज्यादा पसंद है। फसल की बुवाई से काफी समय पहले ही डीएपी खरीदकर रखने की कवायद शुरू हो जाती है।
खतौनी के आधार पर डीपीए का वितरण (Distribution of DPA on the basis of Khatauni)
दूसरी तरफ शासन से खाद की मात्रा को लेकर नियमों में सख्ती हो रही है। खतौनी के आधार पर ही निर्धारित मात्रा मिल रही है, जबकि किसानों की डिमांड इससे कहीं ज्यादा है। 20-25 किलोग्राम प्रति बीघा खाद का इस्तेमाल करने की बात की जाती है, लेकिन ज्यादातर किसान आलू की फसल में 40-50 किलोग्राम प्रति बीघा डीएपी देने का प्रयास करते हैं। आगरा में अभी एनपीके 10 हजार मीट्रिक टन से अधिक और डीएपी चार हजार मीट्रिक टन से अधिक उपलब्ध है।
बी-पैक्स और दुकानों पर पर्याप्त खाद (Sufficient fertilizer at B-PACS and shops)
आगरा के जिला कृषि अधिकारी (District Agriculture Officer Vinod Kumar Singh) विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जनपद के किसानों के लिए खाद की कोई कमी नहीं है। पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। आलू फसल की बुवाई चल रही है। बी-पैक्स के अलावा खाद की दुकानों पर खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। किसान डीएपी की तुलना में एनपीके का इस्तेमाल ज्यादा करें। इससे फसल की लागत कम होगी और पैदावार पूरी मिलेगी। फसलों की कम लागत एनपीके के उपयोग से कम आएगी।
आगरा में एनपीके और डीएपी की उपलब्धता (Availability of NPK and DAP in Agra)
जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि अक्टूबर महीने की बता करें तो माह की शुरूआत में एनपीके की उपलब्धता लगभग 11,294 मीट्रिक टन थी, जिसके बाद लगभग 2,984 से मीट्रिक टन एनपीके और मिल गई। इसमें से लगभग 4,486 मीट्रिक टन बिक्री हो चुकी है। इसके बाद 10 हजार मीट्रिक टन से अधिक एनपीके की उपलब्धता अभी जिले में है। उन्होंने बताया कि इसी तरह डीएपी लगभग 10,724 मीट्रिक टन की उपलब्धता थी। इसके बाद लगभग 4,065 मीट्रिक टन डीएपी और मिल गई। लगभग 12,185 मीट्रिक टन डीएपी की बिक्री हो चुकी है। इसके बाद भी लगभग 4,056 मीट्रिक टन डीएपी की उपलब्ध है।
एनपीके यानी तीन पोषक तत्वों की खाद (NPK means fertilizer of three nutrients)
जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि किसानों से बार-बार अनुरोध किया जा रहा है कि खाद की डोज पर ध्यान दें। केवल डीएपी ही खाद नहीं है। फसलों के लिए संतुलित खाद के रूप में एनपीके बहुत अच्छा है। आलू की फसल के अलावा तिलहन, दलहन और अन्न वाली फसलों में कम लागत से पूरी पैदावार लेने के लिए किसान एनपीके का प्रयोग करें। इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरश और पोटोश जो फसल के मुख्स पोषक तत्व होते हैं वो तीनों की मौजूद हैं।
Q: एनपीके खाद में क्या-क्या आता है? (What is included in NPK fertilizer?)
A: एनपीके (NPK) एक रासायनिक है। एनपीके ऐसा उर्वरक है, जिसके उपयोग से पौधों की वृद्धि और समग्र पौधे के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक तीन आवश्यक पोषक तत्व नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), और पोटेशियम (K) मिलते हैं।
Q: एनपीके खाद क्या काम करती है? (What does NPK fertilizer do?)
A: एनपीके एक रासायनिक उर्वरक है। जिसमें मुख्य रूप से तीन मुख्य तत्व का कॉम्बिनेशन होता है। ये तत्व नाइट्रोजन (एन), फॉस्फोरस (पी) और पोटेशियम (के) हैं। जो पौधों के पोषण के लिए अति आवश्यक हैं। जहां नाइट्रोजन के पोषण से पौधे तेज़ी से बढ़ते हैं। इसके साथ ही बीज और फलों के उत्पादन को भी बढ़ाता है। ये प्रकाश संश्लेषण में भी सहायता करता है। फॉस्फोरस से पौधे की स्वस्थ जड़ों का विकास के साथ ही अंकुरों का तेज़ी से विकास है। इसके साथ ही फलों, सब्ज़ियों, और अनाज की गुणवत्ता में सुधार होता है। पोटेशियम (K) से पौधों की वृद्धि तेजी से होती है। पोटेशियम की आवश्यकता नाइट्रोजन की आवश्यकता के लगभग बराबर हो सकती है।
Q: NPK कितने प्रकार के होते हैं? (How many types of NPK are there?)
A: इफको के मुताबिक एनपीके उर्वरक कई कॉम्बिनेशन में तैयार किया जाता है। NPK के कई प्रकार में अलग अलग फॉर्मूलेशन शामिल हैं। जिनमें NPK 19-19-19, NPK 0-52-34, NPK 20-20-20, NPK 15-15-15 समेत अन्य कॉम्बिनेशन के मिश्रण शामिल हैं। हर कॉम्बिनेशन का मिश्रण पौधों की जरूरत के हिसाब से बनाया जाता है। जिसे पौधों की अच्छी वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व मिज जाते हैं।
Q: DAP और NPK में क्या अंतर है? (What is the difference between Dap and NPK?)
A: डीएपी और एनपीके वैसे तो उर्वक हैं। मगर, दोनों समानता नहीं है। एनपीके का मतलब ऐसा उर्वरक जिसमें नाइट्रोजन (एन), फॉस्फोरस (पी) और पोटेशियम (के) का विभिन्न अनुपात हो सकता है। एनपीके का कॉम्बिनेशन पौधे की जरूरत के मुताबिक बनाया जाता है। ये कॉम्बिलेशन अलग अलग होता है। पौधे के लिए जरूरी होता है। ऐसे ही डीएपी का मतलब डाय अमोनियम फॉस्फेट है। जो रासायनिक उर्वरक है। जिसकी किसानों में खूब डिमांड रहती है।
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