Farmers Protest: आगरा के विकास भवन में धरने पर बैठे किसानों ने ऐलान किया है कि 24 घंटे में भ्रष्टाचारी अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो किसान सामूहिक आत्महत्या करेंगे। आइए, किसानों के धरना और प्रदर्शन के बारे में जानते हैं।
आगरा, उत्तर प्रदेश
Farmers Protest: उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित विकास भवन में भ्रष्टाचार के खिलाफ किसान धरने पर बैठे हैं। धरनारत किसानों ने गुरुवार देर शाम यूपी के सीएम योगी (UP CM Yogi) को खून से खत लिखा है। जिसमें आगरा की सहकारी समितियों पर हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया है। किसानों ने अपने खून से लिखे खत और भ्रष्टाचार से जुडे तमाम पत्रों के साथ ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट (City Magistrate Ved Singh Chauhan) वेद सिंह चौहान को सौंपा। धरने पर बैठे किसानों ने ऐलान किया है कि 24 घंटे में भ्रष्टाचार के आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की तो विकास भवन पर सामूहिक रूप से आत्मदाह (commit mass self-immolation) करेंगे। अब हम भ्रष्ट अधिकारियों से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। इसलिए, धरने से नहीं उठेंगे।
बता दें कि आगरा में 18 दिसंबर 2024 यानी बीते बुधवार को विकास भवन में आयोजित किसान दिवस (Kisan Diwas) पर खूब हंगामा हुआ था। किसान नेता (Farmer leader Shyam Singh Chahar) श्याम सिंह चाहर ने जिले में सहकारी समितियों में भ्रष्टाचार की शिकायत की। इसके साथ ही किसान दिवस में भ्रष्टाचार से जुडे सबूत भी दिए। जब सुनवाई नहीं हुई तो किसान नेता श्याम सिंह ने गुस्से में आकर आत्मदाह (commit suicide) करने के लिए खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डाल लिया। इसके साथ ही कुछ ज्वलनशीन पदार्थ पी लिया था। जिससे गंभीर हालत में किसान को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद ही किसान नेता धरने पर बैठ गए। जब तबियत में सुधार हुआ तो किसान नेता श्याम सिंह चाहर भी धरने में शामिल हो गए। किसानों का भ्रष्टाचार के विरोध में धरना प्रदर्शन छठवें दिन भी जारी रहा।
सिटी मजिस्ट्रेट वेद सिंह चौहान ने बताया कि किसानों की ओर से एक ज्ञापन दिया गया है। जिससे संबंधित अधिकारी और विभाग को भेजा जाएगा। इस मामले की जांच की जा रही है। किसानों से भी जिला अस्पताल में कई बार धरना खत्म करने को लेकर वार्ता की थी। किसान अपनी जिद अडे हैं. किसानों से धरना खत्म करने को लेकर वार्ता की जा रही है। जल्द ही किसानों का धरना खत्म हो जाएगा।
Farmers Protest: बलि देने को किसान तैयार (Farmers ready to sacrifice)
किसान नेता (Farmer leader Shyam Singh Chahar) श्याम सिंह चाहर ने चेतावनी दी कि यदि जिला प्रशासन किसानों बलि लेना चाहता तो किसान नेता अपनी बलि देने को तैयार हैं। मगर, अपनी मांगों को लेकर किसान पीछे नहीं हटेंगे। हमारा धरना जारी रहेगा। ये हमारी जायज मांग है। जिले में भ्रष्टाचार हो रहा है। जिसके सबूत भी हमारे पास हैं। हम सबूतों के आधार पर शिकायतें कर रहे हैं। अधिकारी भी भ्रष्टाचार के बारे में सबकुछ जानते हैं। मगर, कोई भी भ्रष्टाचार (corruption) करने वालों पर अंकुश लगाना नहीं चाहते हैं। जिससे साफ है कि इस भ्रष्टाचार में अधिकारी और उनके शार्गिद शामिल हैं।

Farmers Protest: शिकायत-सबूतों के बाद भी भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई नहीं (No action against corrupt people even after complaints and evidence)
किसान नेता (Farmer leader Dilip Singh) दिलीप सिंह ने कहा कि यूपी सरकार (UP Government) के मुखिया के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। किसान सबूत दें रहे हैं। शिकायतें कर रहे हैं। जिससे घोटालेबाजों पर कार्रवाई की जा सके। उन्हें तत्काल जेल भेजा जाए। मगर, आगरा जिले में ऐसा नहीं होता दिख रहा है। शिकायत-सबूतों के बाद भी भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। मगर, आगरा जिले के किसान अब अन्याय सहन नहीं करेगें। आज किसानों ने अपने खून से सीएम योगी को खत लिखा है। उसमें आगरा जिले में हो रहे भ्रष्टाचार के बारे में सबकुछ लिखा है।
Farmers Protest: भ्रष्टाचार को लेकर जिम्मेदार अधिकारी चुप बैठे (Responsible officers silent on corruption)
किसान नेताओं ने कहा कि खून से लिखकर सीएम योगी को भेजे गए खत में लिखा है कि जिले में जो भ्रष्टाचार हो रहा है। उसमें अधिकारी और कर्मचारी शामिल है। इसलिए, शिकायत और सबूतों के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी चुप बैठे हैं। जिससे भ्रष्टाचार खुलेआम घूम रहे हैं। किसानों का कहना है कि यूपी सरकार को कथनी करनी में अंतर दिखाई दे रहा है। जिसके चलते ही अधिकारी जिले में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारयों और कर्मचारियों को बचा रहे हैं। एक सप्ताह बीत गया। मगर, अभी तब अधिकारियों ने भ्रष्टाचार में लिप्त में किसी भी अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की है।
Farmers Protest: कोऑपरेटिव सोसाइटी के बनाए जा रहे 21 गोदामों का उठाया मुद्दा (Raised the issue of 21 warehouses being built by the Cooperative Society)
दरअसल, आगरा के विकास भवन में किसान दिवस की अध्यक्षता सीडीओ प्रतिभा सिंह कर रही थीं। किसान दिवस में आए किसान अपनी समस्याएं गिना रहे थे। सीडीओ प्रतिभा सिंह किसानों से जुड़ी समस्याएं सुनकर निराकरण के दिशा निर्देश अधीनस्थों दे रही थीं। तभी किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने कोऑपरेटिव सोसाइटी की ओर से बनाए जा रहे 21 गोदामों का मुद्दा उठाया। जिसमें बताया गया कि सरकारी सिस्टम में एक बड़ा घोटाला किया है। जिसमें बगैर निर्माण के संबंधित संस्था को भुगतान कर दिया गया है। लेकिन, आज भी गोदाम आधे अधूरे पड़े हुए हैं।

Farmers Protest: सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपी जांच की जिम्मेदारी(Investigation responsibility handed over to City Magistrate)
दरअसल, किसान नेता मोहन सिंह ने बताया कि डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी (IAS DM Arvind Mallappa Bangari) को इस घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने पूरे प्रकरण को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट को जिम्मेदारी दी है। किसान नेता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्ति है। मोहन सिंह ने बताया कि डीएम के आदेश सिटी मजिस्ट्रेट सिटी मजिस्ट्रेट देव सिंह चौहान जिला अस्पताल में नेता के स्वास्थ्य की जानकारी एवं पूरे प्रकरण की जानकारी लेने के लिए आए थे। लेकिन, श्याम सिंह चाहर के अचेत होने के चलते वे लौट गए।
Farmers Protest: धरने पर बैठे हैं ये किसान (These farmers are sitting on a dharna)
विकास भवन में धरनारत किसानों में सत्यवीर सिंह चाहर, रामू चौधरी, मुकेश सविता, देवी सिंह छौकर, लाखन सिंह, वीरेंद्र सिंह चाहर, प्रदीप फौजदार, नरेन्द्र फौजदार, पवन चाहर,नारायण सिंह, देशराज, देवेन्द्र सिंह, कुलदीप रावत, विनोद कुमार, सुरेन्द्र सिंह, सिंह राहुल चौधरी, सुमन देवी, रामेश्वर तोमर, कल्याण सिंह, नारायण सिंह समेत अन्य शामिल हैं।
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