Krishi Unnati Yojana: यूपी में केंद्र सरकार से पोषित कृषि क्षेत्र की 11 योजनाओं में जरूरत के हिसाब से अब बजट आसानी से एक योजना से दूसरी योजना में ट्रांसफर किया जा सकेगा। यूपी सरकार को इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय से अनुमति लेने की जरूरत भी नहीं होगी। जिससे सीधा प्रदेश की किसानों को होगा। उन्हें बजट के अभाव में योजना का लाभ नहीं मिलने की बाधा दूर हो जाएगी। क्योंकि, जरूरत के हिसाब से किसी भी योजना का बजट दूसरी योजना में ट्रांसफर करके योजना के लाभार्थियों को लाभ दिया जा सकेगा.
किसानों के लिए राहतभरी खबर. (Photo Credit; Kisan Voice )
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
Krishi Unnati Yojana: यूपी के किसानों (Farmers ) के लिए अच्छी और राहतभरी खबर है। उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) की एक योजना का पैसा अब आसानी से दूसरी योजना में ट्रांसफर हो सकेगा। जिसका फायदा प्रदेश के किसानों को ही मिलेगा। केंद्रीय कृषि मंत्रालय (Union Agriculture Ministry) ने देश में कृति क्षेत्र की बड़ी योजनाओं को एक छत के नीचे ला दिया है। जिससे जहां केंद्र सरकार की बेहतर मॉनीटरिंग होगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में संचालित कृषि क्षेत्र की योजनाओं का बेहतर मैनेजमेंट हो सकेगा।
यूपी में कृषि विभाग (Agriculture Department in UP) की ओर से ये बताया गया कि कृषि उन्नति योजना 2024-25 में यूपी में 11 प्रमुख योजनाओं को शामिल किया है। जिससे अब एक योजना की धनराशि दूसरी योजनाओं में ट्रांसफर आसानी से की जा सकेगी। इससे जहां किसी योजना में बजट हैं। मगर, उस योजना में लाभार्थियों की संख्या कम है। योजाना में बजट की भरमार है। ऐसे में दूसरी योजना में जहां पर बजट की कमी है। लाभार्थियों की संख्या अधिक है। कृषि उन्नत योजना (Krishi Unnat Yojana) में बजट के लिए इंतजार नहीं करना होगा। जिस योजना में बजट की भरमार होगी। वहां से दूसरे योजना के किसानों के लिए बजट जारी किया जा सकेगा। जिससे यूपी के किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा। सरकार ने अभी कृषि उन्नत योजना में 11 योजनाएं शामिल की हैं। जिनका बजट एक दूसरे में स्थानांतरित किया जा सकेगा। जिससे जहां बजट का सदुपयोग होगा, वहीं किसानों की परेशानी भी कम होगी। क्योंकि, अभी तक यदि किसी योजना में धनराशि खत्म हो जाने पर पात्र किसानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन, अब उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं होगा।
अड़चन से परेशान रहे थे किसान (Farmers were troubled by the obstacle)
बता दें कि यूपी में अभी तक यदि किसी योजना का बजट खत्म हो गया तो उस योजना में पात्र किसान भी वंचित रह जाते थे या उन्हें बजट आने का इंतजार करना होता था। जबकि, ऐसी कृषि योजनाएं हैं। जिनका बजट अधिक है। मगर, पात्र किसानों की संख्या कम है. ऐसे में अब जिस योजना में किसानों को धन की जरूरत हैं। वहां पर दूसरी योजना से रकम ट्रांसफर करके किसानों को दी जाएगी। ऐसी कोई स्कीम भी नहीं थी जिससे एक योजना का पैसा दूसरे में ट्रांसफर किया जा सके। जिससे किसान परेशान रहते थे। अधिकारी भी बजट ना होने का का रोना रोते रहते थे।
कृषि मंत्रालय से अनुमति की नहीं जरूरत (No need for permission from the Ministry of Agriculture)
यूपी में कृषि उन्नत योजना में जिन 11 योजनाओं को एक दूसरे लिंक किया है। ऐसे में यदि किसी योजना में बजट नहीं है। मगर, पात्र अधिक हैं। ऐसे में उस योजना में ज्यादा धन की आवश्यकता होने पर अन्य योजनाओं का बकाया फंड ट्रांसफर करके किसानों को दिया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय से अनुमति लेने की भी जरूरत नहीं है। राज्य सरकार अपने हिसाब से योजनाओं की जरूरत के हिसाब से एक योजना की धनराशि दूसरी योजना में ट्रांसफर कर सकेगी।
844 करोड़ की योजनाएं भी शामिल (Schemes worth Rs 844 crore also included)
हाल में केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में कृषि के अलग-अलग क्षेत्र में विभिन्न नाम से केंद्र से समर्थित 12 योजनाओं को कृषि उन्नति योजना में शामिल किया है। इन योजनाओं में 844.30 करोड़ रुपए है। इसमें केंद्र सरकार का अंश 60% है और राज्य सरकार का अंश 40% हिस्सा है। केंद्र की तरफ से ये 60 फीसद राशि साल 2024-25 में खर्च की जानी है। जिसमें सबसे बड़ी योजना सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन है। दूसरे योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन है। जिसका बजट करीब 208.99 करोड़ रुपए है।
यूपी की इन योजनाओं में सरकार की मदद (Government help in these schemes of UP)
यूपी की तमाम योजनाओं में केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाती है। जिसमें राष्ट्रीय योजना खाद्य सुरक्षा मिशन (National Scheme Food Security Mission) के तहत 208.99 करोड़ रुपए मिले हैं। ऐसे ही नेशनल मिशन ऑन इडिबल ऑयल सीड (National Mission on Edible Oil Seed) 26.5 करोड़ रुपये, नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान इन एग्रीकल्चर (National e-Governance Plan in Agriculture) 157.3 करोड़ रुपये, परचेज आफ ब्रीडर सीड (Purchase of Breeder Seed) 1.27 करोड़ रुपये, सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (Submission on Agriculture Extension) 235.41 करोड़ रुपये, नेशनल बंबू मिशन (National Bamboo Mission) 9.89 करोड़ रुपए रुपये, सीड विलेज प्रोग्राम 57 करोड़ रुपये, सीड सर्टिफिकेशन (Seed Certification) 1.06 करोड़ रुपए रुपये , यूपी बीज विकास निगम (UP Seed Development Corporation) 1.74 करोड़ रुपये मिलते हैं।
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- Agriculture Department
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- KRISHI UNNATI YOJANA
- MONEY TRANSFERRED TO ANOTHER SCHEME
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- National e-Governance Plan in Agriculture
- National Mission on Edible Oil Seed
- National Scheme Food Security Mission
- UP Seed Development Corporation
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