Farmer Protest: आगरा में एत्मादपुर तहसील के 14 गांव के पांच हजार किसान करीब 14 साल से अपनी अधिग्रहीत भूमि की वापसी की मांग कर रहे हैं। किसानों को ना जमीन वापस हुई और ना ही मुआवजा मिला है। इसके चलते ही किसान आगरा में इनर रिंग रोड पर धरने पर बैठ गए थे। किसानों की मांग थी कि अब उन्हें जमीन का मुआवजा नहीं बल्कि अपनी जमीन वापस चाहिए। एडीए जमीन लौटाकर खतौनी में दोबारा किसानों के नाम अंकित कराए।
आगरा, उत्तर प्रदेश
Farmer Protest: उत्तर प्रदेश के आगरा में इनररिंग रोड पर अपनी जमीन की वापसी को लेकर नौ दिन से धरने (Farmer Protest) पर बैठे किसानों का सोमवार देर शाम धरना खत्म हो गया। आगरा के एत्मादपुर के विधायक (MLA Dr. Dharampal Singh) डॉ. धर्मपाल सिंह के साथ किसानों का प्रतिनिधि मंडल सोमवार को लखनऊ में सीएम योगी (CM Yogi) से मिला। जिससे सीएम योगी से मुलाकात हुई। सीएम योगी ने किसानों की परेशानी जानी। सीएम योगी ने जब किसानों को जमीन वापस दिए जाने का आश्वासन दिया तो किसानों ने धरना समाप्त (Farmer Protest) करने के ऐलान कर दिया। इसके साथ ही बिना मुआवजा किसानों की जमीन Agra Development Authority (एडीए) के नाम किए जाने के मामले में सीएम योगी ने आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी और आगरा विकास प्राधिकरण (Agra Development Authority) की उपाध्यक्ष को तलब किया है।
बता दें कि जिला प्रशासन और आगरा विकास प्राधिकरण (Agra Development Authority) की ओर से सन 2009 में रायपुर और रहनकला मौजा के 14 गांव के पांच हजार किसानों की 444 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था। किसानों ने इसका विरोध किया और अपनी जमीन देने से इनकार कर दिया. किसानों ने जमीन का एडीए से मुआवजा भी नहीं लिया। इसके बाद भी ये जमीन एडीए के नाम हो गई। जिससे किसानों के खतौनी से कट गए और एडीए का नाम अंकित कर दिया है। इससे किसान उस जमीन को दूसरी जगह बिक्री भी नहीं कर सकते हैं। तभी से किसान अपनी जमीन वापसी की मांग कर रहे हैं। करीब 14 साल से किसानों की अधिग्रहीत भूमि का 14 वर्ष बीतने के बाद भी मुआवजा नहीं मिला है। किसानों की मांग थी कि अब वह मुआवजा नहीं बल्कि अपनी जमीन वापस लेना चाहते हैं। उन्हें जमीन लौटाकर खतौनी में दोबारा नाम अंकित किया जाए।

Farmer Protest: धरने पर बैठे और रोड जमा तक किया (Sat on dharna and even blocked the road)
14 गांव के किसान अपनी जमीन वापसी की मांग को लेकर लगातार एडीए और अन्य स्थानों पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। मगर, उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। इस पर नौ दिन पहले किसान एकजुट होकर एक बार फिर सड़क पर उतर आए। मौजा रहनकलां व रायपुर के करीब 13 गावों के किसानों ने अपनी 444 हेक्टेयर जमीन की वापसी के लिए 29 दिसंबर-2024 को इनर रिंग रोड की एक लेन पर धरने पर बैठ गए। जब किसानों की बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने इनररिंग रोड की दोनों लेन बंद कर दी। जिससे यमुना एक्सप्रेस वे और आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे से आने जाने वाले वाहनों के पहिए रुक गए। जाम लग गया। जिस पर पुलिस और प्रशासन अधिकारियों ने बातचीत की। जिसके बाद किसानों ने जाम खोल दिया। मगर, नौ दिन से इस सर्दी में किसान धरने पर बैठे हुए थे। कई बार प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों से बातचीत की। मगर, बात नहीं बनी। किसान अपनी मांग पर अड़े रहे और धरना समाप्त नहीं किया था।
Farmer Protest: विधायक संग मिले सीएम से किसान (Farmers met CM along with MLA)
इस बारे में किसानों से कई बार क्षेत्रीय विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने बात की। जबकि, किसान पहले ही विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह को अपनी समस्या बा चुके थे. ऐसे में भाजपा डॉ. धर्मपाल सिंह के साथ चार किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल सोमवार को लखनऊ गया। जहां पर किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह के साथ सीएम योगी से मुलाकात की। किसानों ने मुलाकात में सीएम योगी को अपनी समस्या बताई। कहा कि हमें अपनी ही जमीन का मुआवजा मिला नहीं और हमारी जमीन भी चली गई। किसानों की समस्या सुनकर सीएम योगी ने इस मामले में आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी और एडीए उपाध्यक्ष को लखनऊ तलब किया है। इस प्रोजेक्ट की पत्रावलियां तलब की हैं। सीएम योगी ने किसानों को आश्वासन दिया है कि उनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा। इसके बाद ही किसानों से धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी।

Farmer Protest: भाजपा प्रदेश महामंत्री ने सीएम योगी से की मुलाकात (BJP State General Secretary met CM Yogi)
भाजपा के प्रदेश महामंत्री और एत्मादपुर के पूर्व विधायक रामप्रताप सिंह चौहान भी किसानों की समस्या को लेकर सोमवार दोपहर सीएम योगी से मिले थे। उन्होंने भी सीएम योगी की समस्या और मांग से अवगत कराया था। प्रदेश महामंत्री रामप्रताप सिंह चौहान ने सीएम योगी को एक पत्र सौंपा था। जिसमें किसानों की जमीन वापसी या उन्हें उचित मुआवजा देने की मांग की है। प्रदेश महामंत्री रामप्रताप सिंह चौहान ने बताया कि सीएम योगी ने किसानों की भूमि वापस करने या किसानों को बढ़ी दर से जमीन का मुआवजा दिए जाने का आश्वासन दिया है।
Farmer Protest: सीएम ने दिया आश्वासन, किसान खुश (CM gave assurance, farmers happy)
भाजपा विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने बताया कि सीएम योगी से मुलाकात करने गए किसानों के प्रतिनिधि मंडल में किसान प्रदीप शर्मा, किसान कपूर चंद सिकरवार, किसान नत्थू सिंह काका और किसान उपेंद्र सिकरवार शामिल थे। किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने सीएम योगी के सामने अपनी पूरी मांग और बात रखी है। सीएम योगी ने किसानों को आश्वासन दिया है कि उनकी जमीन वापस की जाएंगी। यदि इसमें कोई तकनीकि अड़चन आती है तो किसानों को बढ़ी हुई दर से मुआवजा दिया जाएगा। इससे किसान खुश हैं. किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से मुलाकात और आश्वासन के बाद अपना धरना समाप्त करने का ऐलान कर दिया था।

Farmer Protest: हक के लिए बैठे थे धरना पर, अब समाप्त (They were sitting on dharna for their rights, now it is over)
किसान नेता प्रदीप शर्मा ने बताया कि जिले में किसान अपने हक की लड़ाई 14 साल से लड़ रहे हैं. किसानों की मांगे जायज हैं। धरना और प्रदर्शन के साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी मदद की गुहार लगाई। मगर, हर बार आश्वासन मिला था। जिससे आहत किसानों ने ये कदम उठाया। जिसके बाद ही किसानों की अपनी जमीन वापसी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई है। सीएम योगी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि जल्द ही किसानों की समस्या का निदान कर दिया जायेगा। इसलिए, धरना खत्म कर दिया गया है।
Farmer Protest: जानें कब क्या हुआ ? (Know what happened when?)
- वर्ष 2009 में इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल के लिए आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने रायपुर और रहनकला गांव की 600 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया था। जिसमें कुछ किसानों को जमीन का मुआवजा मिल गया।
- अधिग्रहीत भूमि में से 444 हैक्टेयर भूमि के मालिक किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। जिसके लिए लगातार किसान आंदोलन कर रहे हैं।
- जुलाई 2023 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्किट हाउस में एत्मादपुर विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने किसानों की इस समस्या को उठाया था। जिस पर मुख्यमंत्री योगी ने किसानों को चार गुणा मुआवजा देने या भूमि वापस करने को कहा था।
- 2023 में तत्कालीन डीएम ने 11 सदस्यीय समिति गठित की। समिति ने किसानों को पुरानी दर से मुआवजा वितरित करने को उचित नहीं माना था। अंतर की धनराशि के लिए अनुग्रह धनराशि देने की मांग की गई थी।
- एडीए ने शासन को अनुग्रह धनराशि या भूमि छोड़ने का प्रस्ताव तैयार कर भेजा था। जिससे किसानों को सर्किल रेट का चार गुणा मुआवजा दिया जा सके। शासन से इस पर फिजीविलिटी रिपोर्ट मांगी गई।
- एडीए ने फिजिविलिटी रिपोर्ट भेज दी थी। किसानों को मुआवजा वितरित कर भूमि को लेने को व्यवहारिक माना था। इसके बाद एक बार फिर भूमि छोड़ने का प्रस्ताव भेज दिया। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है।
- अगस्त 2024 को एडीए किसानों की जमीन की वापसी का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। इस प्रस्ताव को शासन स्तर पर फैसला होना है। जिसकी वजह से किसानों की जमीन वापसी की आस अटकी हुई है।
- 29 दिसंबर-2024 को मौजा रहनकलां व रायपुर के करीब 13 गावों के किसानों ने अपनी 444 हेक्टेयर जमीन की वापसी के लिए 29 दिसंबर-2024 को इनर रिंग रोड की एक लेन पर धरने पर बैठ गए। जब किसानों की बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने इनररिंग रोड की दोनों लेन बंद कर दी।
- छह जनवरी-2025 को किसानों के प्रतिनिधि मंडल की भाजपा विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने सीएम योगी से मुलाकात कराई। सीएम योगी ने किसानों की समस्या जानी और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जिस पर किसानों ने धरना समाप्त कर दिया।
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