Electricity Privatisation in UP: बिजली के निजीकरण के लिए गोरखपुर बिजली पंचायत में निर्णायक संघर्ष का निर्णय लिया गया। जिसके चलते ही प्रदेश में एक जनवरी में बिजलीकर्मी काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करेंगे। ऊर्जा मंत्री और प्रबन्धन पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बनाने का काम कर रहे हैं। सीएम योगी के प्रति बिजली कर्मचारियों ने विश्वास व्यक्त किया है। उनसे बिजली का निजीकरण रोकने के प्रभावी करने को हस्तक्षेप की अपील की है।
Electricity Privatisation in UP: बिजली के निजीकरण ((Electricity Privatisation ) ) के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ( (Vidyut Karamchari Joint Sangharsh Samiti UP) की गोरखपुर में शुक्रवार देर शाम बिजली पंचायत (Bijali Panchayat) हुई। जिसमें संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली कर्मियों को मुख्यमंत्री पर पूरा विश्वास है। बिजली कर्मचारी लगातार सुधार में लगे हुए हैं। किन्तु, यूपी में पॉवर कॉरपोरेशन (Power Corporation) प्रबंधन निजीकरण (Electricity Privatisation in UP) की एकतरफा कार्रवाई कर अनावश्यक तौर पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बना रहा है। गोरखपुर की बिजली पंचायत में सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर, बस्ती, महाराजगंज, देवरिया और गोरखपुर के बिजली कर्मियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं की भारी भीड़ रही।
उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्वांचल डिस्कॉम (Purvanchal Discom ) और दक्षिणांचल डिस्कॉम (Dakshinchal Discom) के निजीकरण (Electricity Privatisation in UP) का ऐलान हुआ है। जिससे ही यूपी में विद्युत कर्मचारियों में आक्रोश है। यूपी में लगातार विद्युत कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आगरा और लखनऊ के बाद विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Vidyut Karamchari Joint Sangharsh Samiti) , उप्र की ओर से गोरखपुर में शुक्रवार को बिजली पंचायत (Bijli Panchayat) हुई। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की उप्र की शुक्रवार देर शाम (Electricity Privatisation in UP) ‘बिजली पंचायत’ में निर्णय लिया गया।

Electricity Privatisation in UP: नई साल का जश्न काला दिवस के रूप में मनाएंगे (Will celebrate New Year as Black Day)
बिजली पंचायत में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों में शैलेंद्र दुबे, इंजीनियर जितेंद्र सिंह गुर्जर, महेंद्र राय, चंद्र भूषण उपाध्याय,पीके दीक्षित,सुहैल आबिद,छोटे लाल दीक्षित ,श्रीकांत, सरजू त्रिवेदी समेत अन्य ने बिजली पंचायत को संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम (Purvanchal Vidyut Vitran Nigam) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम (Dakshinchal Vidyut Vitran Nigam) का निजीकरण वापस कराने के लिए अब कर्मचारी एक जनवरी 2025 को बिजली कर्मी पूरे दिन काली पट्टी बंधेंगे। बिजली कर्मचारी इस दिन काला दिवस मनाएंगे।
Electricity Privatisation in UP: लाइन हानियां 17 प्रतिशत कीं (Line losses reduced to 17 percent)
गोरखपुर की बिजली पंचायत में संघर्ष समिति के वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि बिजली कर्मचारियों का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा विश्वास है। बिजली कर्मी उनके नेतृत्व में लगातार सुधार में लगे हैं। सत्र 2016-17 की बात करें तो 41 प्रतिशत हानियां थीं। जो सत्र 2023-24 में घटकर 17 प्रतिशत हो गई है। बिजली कर्मी अगले एक दो वर्ष में लाइन हानियों को 15 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। कार्य का अच्छा वातावरण चल रहा था। जिसे पॉवर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने अचानक निजीकरण की घोषणा कर बिगाड़ दिया है।

Electricity Privatisation in UP: एक झटके में बिजली की दरें तीन गुना बढ़ेंगी (Electricity rates will increase three times in one stroke)
संघर्ष समिति ने इंजीनियर (Engineer Jitendra Singh Gurjar) जितेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा कि सरकारी विद्युत वितरण निगम (electricity distribution corporations) घाटा उठाकर लागत से कम मूल्य पर घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली देते हैं। निजी कंपनी मुनाफे के लिए काम करती हैं। निजीकरण के बाद बिजली की दरों में काफी वृद्धि होती है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि मुम्बई में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें 17.71 रुपए प्रति यूनिट हैं। जबकि उप्र में सरकारी क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम दरें रु 06.50 प्रति यूनिट है। जिससे स्पष्ट है कि निजीकरण होते ही एक झटके में बिजली की दरें तीन गुना बढ़ जाएंगी।
Electricity Privatisation in UP: निगम की समस्त भूमि 1 रुपए प्रति वर्ष की लीज (All land of the corporation leased for Rs 1 per year)
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पॉवर कॉरपोरेशन की ओर से तैयार किए गए निजीकरण के मसौदे में पूरे वितरण निगम की समस्त भूमि मात्र 01 रुपए प्रति वर्ष की लीज पर निजी कंपनी को देने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार लाखों करोड़ रुपये की निगमों की परिसंपत्तियों को बिना मूल्यांकन किए कौड़ियों के दाम निजी घरानों को सौंपने की साजिश है। जो गलत है।

Electricity Privatisation in UP: 29 दिसंबर को झांसी में बिजली पंचायत (Electricity Panchayat in Jhansi on 29 December)
बिजली पंचायत में वक्ताओं ने कहा कि मात्र एक रुपए में पूरी जमीन दे देना और बिना मूल्यांकन के कौड़ियों के दाम परिसंपत्तियों को बेचने की कोशिश एक साजिश है। बिजली कर्मचारियों को विश्वास है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। उत्तर प्रदेश में अभी झांसी और प्रयागराज में बिजली पंचायत होती हैं। अलगी बिजली पंचायत 29 दिसंबर को झांसी में और 5 जनवरी 2025 को प्रयागराज में बिजली पंचायत आयोजित की जाएगी।
Electricity Privatisation in UP: विफलता से बौखलाए पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन (Power Corporation Chairman frustrated by failure)
बिजली पंचायत में वक्ताओं ने कहा कि गोरखपुर बिजली पंचायत में भी यह आरोप लगाया गया कि अपनी विफलता से बौखलाए पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन और पूर्वांचल एवं पश्चिमांचल के प्रबंध निदेशक वीसी के माध्यम से मनमाने ढंग से लोगों को निलंबित और दंडित कर भय का वातावरण बना रहे हैं। जो पूरी तरह उकसाने वाला कदम है। यदि इनके मनमाने पन पर अंकुश न लगाया गया तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी और गम्भीर परिणाम होंगे।
Leave a comment