Home लेटेस्ट न्यूज Electricity Privatisation in UP: निजीकरण निरस्त करने की सीएम योगी से अपील… ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट पूर्णतया असंवैधानिक #kisanvoice #kisan
लेटेस्ट न्यूज

Electricity Privatisation in UP: निजीकरण निरस्त करने की सीएम योगी से अपील… ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट पूर्णतया असंवैधानिक #kisanvoice #kisan

electricity-privatisation-in-up-cm-should-cancel
https://kisanvoice.in/
Electricity Privatisation in UP: उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इसको लेकर यूपी में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन भी किया जा चुका है।

Electricity Privatisation in UP: उत्तर प्रदेश सरकार ने जब से बिजली निजीकरण (Electricity Privatisation) की घोषणा है। तभी से प्रदेश में बिजली कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। यूपी सरकार ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम (Dakshinchal Vidyut Vitran Nigam) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम (Purvanchal Vidyut Vitran Nigam) के निजीकरण (Electricity Privatisation in UP) का ऐलान किया है। इससे ही यूपी में बिजली कर्मचारी लम्बे समय से बिजली निजीकरण के विरोध में आंदोलनरत हैं। आक्रोशित बिजली कर्मचारी अलग-अलग जिले और शहर में विरोध सभाएं और प्रदर्शन कर रहे हैं। इसको लेकर बिजली कर्मचारियों ने यूपी में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन (Nationwide Protest) कर चुके हैं। अब सीएम योगी से बिजली कर्मचारियों की अपील है कि बिजली निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जाए। जिससे निजीकरण के नाम पर हो रहे बड़े घोटाले को रोका जा सके।

बता दें कि बिजली के निजीकरण के विरोध में उप्र, राजस्थान और चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसको लेकर सुधार और सुझाव देने के लिए ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of Energy) ने मंत्री समूह के अध्ययन और रिपोर्ट मांगी है। तब तक निजीकरण के सभी निर्णय निरस्त किए जाएं। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स (National Coordination Committee of Electricity Employees and Engineers) ने यूपी के साथ ही प्रदेश के अन्य प्रांतों में बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने बिजली के निजीकरण के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन किए।

Electricity Privatisation in UP: स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के ड्राफ्ट पर सैकड़ो आपत्ति (Hundreds of objections on the draft of standard bidding document)
(Photo Credit: Kisan Voice)
Electricity Privatisation in UP: स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के ड्राफ्ट पर सैकड़ो आपत्ति (Hundreds of objections on the draft of standard bidding document)

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Vidyut Karamchari Sanyukt Sangharsh Samiti, UP,) उप्र के संयोजक (convenor Shailendra Dubey) शैलेंद्र दुबे ने बताया कि निजीकरण के लिए तय किए गए मानक स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के ड्राफ्ट को असंवैधानिक बताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से अपील की है कि निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जाए। जिससे निजीकरण के नाम पर हो रहे बड़े घोटाले को रोका जा सके। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Vidyut Karamchari Sanyukt Sangharsh Samiti, UP,) उप्र के संयोजक (convenor Shailendra Dubey) शैलेंद्र दुबे ने बताया कि स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट टर्म इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में धारा 63 के अंतर्गत केवल ट्रांसमिशन और जेनरेशन की प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग के लिए इस्तेमाल किया गया है। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने अभी तक विद्युत वितरण के निजीकरण के लिए स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट फाइनल नहीं किया है। सितंबर 2020 में जारी किए गए स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के ड्राफ्ट पर सैकड़ो आपत्ति आई है। और अभी तक उनका निस्तारण नहीं किया गया है। खुद ऊर्जा मंत्रालय का कहना है की स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय का व्यू प्वाइंट नहीं है।

Electricity Privatisation in UP: निजी कंपनी को मुनाफा होगा (Private company will make profit)

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Vidyut Karamchari Sanyukt Sangharsh Samiti, UP,) उप्र के संयोजक (convenor Shailendra Dubey) शैलेंद्र दुबे ने बताया कि विद्युत वितरण के निजीकरण के लिए स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 63 में कोई उल्लेख नहीं है। अतः यह पूरी तरह असंवैधानिक है। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के ड्राफ्ट के पैरा 2.2.7 में लिखा है। राज्य सरकार निजी कंपनी को सब्सिडाइजड दरों पर बिजली देगी। जिससे निजी कंपनी को मुनाफा हो सके।

Electricity Privatisation in UP: अरबों की जमीन निजी कंपनी को मात्र एक रुपए में दी जायेगी (Land worth billions will be given to private company for just one rupee)
(Photo Credit: Kisan Voice)
Electricity Privatisation in UP: अरबों की जमीन निजी कंपनी को मात्र एक रुपए में दी जायेगी (Land worth billions will be given to private company for just one rupee)

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Vidyut Karamchari Sanyukt Sangharsh Samiti, UP,) उप्र के संयोजक (convenor Shailendra Dubey) शैलेंद्र दुबे ने बताया कि कहें तो निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार महंगी दरों पर बिजली खरीद कर सस्ती कीमत पर निजी कंपनी को उपलब्ध कराएगी। भारी नुकसान उठाएगी। यह आगरा के निजीकरण जैसा होगा। जिसका खामियाजा आज तक पॉवर कारपोरेशन भुगत रहा है। ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के पैरा 2.2.6 में लिखा है कि सरकारी विद्युत वितरण निगम की पूरी जमीन मात्र एक रुपए मासिक पर निजी कंपनी को दी जाएगी। इससे बड़ी कोई लूट नहीं हो सकती। जिसमें अरबों खरबों रुपए की जमीन निजी कंपनी को मात्र एक रुपए में दी जाएगी।

Electricity Privatisation in UP: निजी कंपनी को क्लीन बैलेंस शीट दी जाएगी (Clean balance sheet will be given to private company)

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Vidyut Karamchari Sanyukt Sangharsh Samiti, UP,) उप्र के संयोजक (convenor Shailendra Dubey) शैलेंद्र दुबे ने बताया कि ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के पैरा 1.1 में लिखा है कि निजी कंपनी को क्लीन बैलेंस शीट दी जाएगी। सरकारी वितरण निगम के संकलित घाटे और देनदारियों का वहन सरकार करेगी। यदि सरकार अभी घाटे और देनदारियों का वाहन कर ले तो सरकारी विद्युत वितरण निगम मुनाफे में आ जाएंगे। स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का ड्राफ्ट पूरी तरह से निजी कंपनी को बेजा मुनाफा कमाने और सरकारी क्षेत्र की बिजली की लाखों करोड़ों रुपए की संपत्तियों को कौड़ियों के दाम बेचने के लिए बनाया गया है।

Electricity Privatisation in UP: निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त हो (Privatisation process should be cancelled immediately)
(Photo Credit: Kisan Voice)
Electricity Privatisation in UP: निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त हो (Privatisation process should be cancelled immediately)

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Vidyut Karamchari Sanyukt Sangharsh Samiti, UP,) उप्र के संयोजक (convenor Shailendra Dubey) शैलेंद्र दुबे ने बताया कि ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन ने इस ड्राफ्ट पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कर रखी है। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने अभी तक किसी आपत्ति को खारिज नहीं किया है। और इस ड्राफ्ट को फाइनल नहीं किया है। अतः एनर्जी टास्क फोर्स द्वारा इस ड्राफ्ट को निजीकरण का मानक बनाने का निर्णय पूरी तरह अवैधानिक है। निजीकरण की सारी प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जानी चाहिए।

Electricity Privatisation in UP: महंगी होंगी बिजली दरें (Electricity rates will be three times)

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि जिस भी प्रदेश या शहर में बिजली का निजीकरण हुआ है। वहां पर बिजली दरें बढी हैं। उत्तर प्रदेश की बात करें तो यूपी के जिन शहरों में बिजली व्यवस्था निजी क्षेत्र में गई तो आम उपभोक्ताओं को महंगी बिजली मिल रही है। निजीकरण से उत्तर प्रदेश की तुलना में तीन गुना बिजली दरें होने की बात कही है। जिससे उत्तर प्रदेश में भी बिजली का निजीकरण होने पर आम उपभोक्ताओं को तीन गुना बिजली दरें न भुगतनी पड़ें।

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

International Potato Center In Agra will start soon
लेटेस्ट न्यूज

International Potato Center In Agra: आलू किसानों को मिलेगी सौगात, ये बोले योगी सरकार के मंत्री

International Potato Center In Agra: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र...