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Electricity Privatisation in UP: निजीकरण के खिलाफ गोरखपुर, झांसी और प्रयागराज में बिजली पंचायत; फिर ‘काला दिवस’ मनाएंगे #DVVNL #kisan

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Electricity Privatisation in UP: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की आगरा और लखनऊ के बाद बिजली पंचायत अब गोरखपुर, झांसी और प्रयागराज में भी होगी। एक जनवरी 2025 को बिजली कर्मचारी काला दिवस मनाएंगे। इस दिन बिजली कर्मी पूरे दिन काली पट्टी बांध कर काम करेंगे।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश

Electricity Privatisation in UP: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Vidyut Karamchari Joint Sangharsh Samiti) का बिजली निजीकरण (Electricity Privatisation in UP) के विरोध में विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। संघर्ष समि​ति ने ऐलान किया है कि जब तक कार्पोरेशन प्रबंधन की ओर से निजीकरण के मसौदे को रोकने की घोषणा नहीं करेगा। तब तक हमारों विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। जिसको लेकर आगरा, लखनऊ के बाद अब बिजली पंचायत गोरखपुर, झांसी और प्रयागराज में भी होगी।

संघर्ष समिति ने बैठक के बाद ऐलान किया है कि 27 को गोरखपुर में, 29 को झांसी में और पांच जनवरी 2025 को प्रयागराज में बिजली पंचायत होगी। इसके बाद ही एक जनवरी 2025 को ‘काला दिवस’ (Black Day) मनाया जाएगा। इस दिन बिजली कर्मी पूरे दिन काली पट्टी (black bands) बांध कर काम करेंगे।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Vidyut Karamchari Joint Sangharsh Samiti) की कोर कमेटी की लखनऊ में बैठक हुई। संघर्ष समिति की बैठक में तय किया गया कि विरोध निरंतर जारी रहेगा। कार्यालय समय के उपरान्त सभी जिलों एवं परियोजना मुख्यालयों पर विरोध सभा किया जाएगा। बिजली के निजीकरण से उपभोक्ताओं, किसानों और कर्मचारियों को होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाएगा।

Electricity Privatisation in UP: ‘काला दिवस’ मनाएंगे बिजली कर्मचारी (Electricity employees will celebrate 'Black Day')
(Photo Credit: Kisan Voice)
Electricity Privatisation in UP: ‘काला दिवस’ मनाएंगे बिजली कर्मचारी (Electricity employees will celebrate ‘Black Day’)

समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि भ्रामक आकड़ें देकर और भय का वातावरण बनाकर विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण (privatization of electricity) का निर्णय लिया है। उसके प्रति बिजली कर्मियों ने लखनऊ में 22 दिसम्बर को बिजली महापंचायत की। जिसमें बिजली कर्मचारियों ने खूब आक्रोश जताया। एक जनवरी 2025 को प्रदेश में बिजली कर्मचारी ‘काला दिवस’ के रूप में मनाएंगे।

Electricity Privatisation in UP: लखनऊ की बैठक में ये मौजूद (These people were present in the Lucknow meeting)

लखनऊ की बैठक में राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पीके दीक्षित देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो इलियास, श्रीचन्द, सरजू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, एके श्रीवास्तव, केएस रावत, रफीक अहमद, पीएस बाजपेई, जीपी सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय, विशम्भर सिंह एवं राम निवास त्यागी समेत कई लोग मौजूद रहे।

Electricity Privatisation in UP: निगमों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार हो रहा मॉडल (Model being prepared to make the corporations self-reliant)

पॉवर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने दावा किया है कि विद्युत निगमों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। मांग की गई कि कॉर्पोरशन प्रबंधन पीपीपी मॉडल के रास्ते को छोड़कर एसोसिएशन के मॉडल पर ध्यान आकृष्ट करे। उत्तर प्रदेश पॉवर ऑफिसर्स एसोसिएशन की सोमवार को बैठक हुई। ऑफिसर्स में निगमों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने में आ रही अड़चनों पर अभियंताओं की राय ली गईं। नए मॉडल का प्रारूप तैयार कर उसे जारी किया गया। इस मॉडल में संगठन के वरिष्ठ अभियंताओं एवं सेवानिवृत्त अभियंताओं से सुझाव लिए जा रहे हैं। इस दौरान एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, अनिल कुमार,आरपी केन, बिंदा प्रसाद, अजय कुमार, सुशील कुमार आदि मौजूद रहे।

Electricity Privatisation in UP: निगमों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार हो रहा मॉडल (Model being prepared to make the corporations self-reliant)
(Photo Credit: Kisan Voice)
Electricity Privatisation in UP: ऊर्जा मंत्री ने ट्वीट पर दी बधाई, निजीकरण का इनाम (Energy Minister congratulated on tweet, reward for privatization)

राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा मंत्री के ट्वीट पर तल्ख टिप्पणी की। परिषद ने कहा कि सालभर से ऊर्जा मंत्री ट्वीट करके निगमों को कीर्तमान स्थापित करने की बधाई देते रहे हैं। फिर निजीकरण का रास्ता अपनाकर उपभोक्ताओं की जेब क्यों काटने की तैयारी की जा रही है?

Electricity Privatisation in UP: निगमों पर चल रहा 33122 करोड़ का बकाया तत्काल लौटाएं (Return the dues of Rs 33122 crore on the corporations immediately)

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान में सभी विद्युत निगमों के प्रबंधन से उपभोक्ता सेवा में सुधार की अपेक्षा करना निराशाजनक है। दक्षिणांचल व पूर्वांचल को निजी क्षेत्र में दिए जाने के लिए पारित प्रस्ताव में पॉवर कॉरपोरेशन ने लिखा है कि बिना किसी वृहद रिफॉर्म के वर्तमान परिस्थितियों में मूलभूत परिवर्तन संभव नहीं है। इसलिए इसे पीपीपी मॉडल पर चलाया जाएगा। ऐसे में ऊर्जा मंत्री का ट्वीट अपने आप खारिज हो रहा है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मांग की कि विद्युत उपभोक्ताओं का निगमों पर चल रहा 33122 करोड़ का बकाया तत्काल लौटाया जाए।

Electricity Privatisation in UP: 67 हजार लोग होंगे बेरोजगार (67 thousand people will be unemployed)
(Photo Credit: Kisan Voice)
Electricity Privatisation in UP: 67 हजार लोग होंगे बेरोजगार (67 thousand people will be unemployed)

बता दें कि यूपी सरकार ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड कंपनी को निजी हाथ में देने का फैसला किया है। इसका ही कर्मचारी और इंजीनियर विरोध कर रहे है। दलील है कि इसमें 67 हजार से ज्यादा लोगों की नौकरी जाएगा। जिसके चलते ही निजीकरण के विरोध में उप्र के 1 लाख 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी 1 जनवरी को काली पट़्टी बाधंकर काम करेंगे।

Electricity Privatisation in UP: ‘करो या मरो’ के तहत विरोध जारी (Protest continues under ‘Do or Die’)

उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्वांचल डिस्कॉम (Purvanchal Discom ) और दक्षिणांचल डिस्कॉम (Dakshinchal Discom) के निजीकरण (Electricity Privatisation in UP) का ऐलान के विरोध में विद्युत कर्मचारियों में आक्रोश है। यूपी में लगातार विद्युत कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Vidyut Karamchari Joint Sangharsh Samiti), उप्र ने आगरा के बाद बीते दिनों लखनऊ में ‘बिजली पंचायत’ (Bijli Panchayat) की। जिसमें निर्णय लिया गया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम (Purvanchal Vidyut Vitran Nigam) एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम (Dakshinchal Vidyut Vitran Nigam) का निजीकरण वापस कराने के लिए ‘करो या मरो’ की भावना से निर्णायक संघर्ष जारी रहेगा।

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