Crop Damage: यूपी में 48 घंटे से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त होने के साथ ही खेतों में खडी धान, बाजरा, मूंग, उडद और तिल की फसलें हो गईं हैं. जिससे किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं. ऐसे में योगी सरकार की किसानों से अपील है कि, बीमित किसान बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर अपनी शिकायतें दर्ज कराएं.
आगरा (उत्तर प्रदेश): यूपी में 48 घंटे से बारिश हो रही है. जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. स्कूल और कॉलेज बंद हैं. बारिश की वजह से जलभराव के साथ ही आगरा जिले के साथ ही अन्य जिलों में भी बाढ का खतरा मंडरा रहा है. आगरा की बात करें तो चंबल नदी, पार्वती नदी, उटंगन नदी और यमुना का जलस्तर भी तेजी से बढ रहा है. जिससे आगरा में खेतों में खडी फसलें (Crop Damage) जलमग्न हो गई हैं. कृषि उप कृषि निदेशक पुरूषोत्तम कुमार मिश्रा ने बताया कि, जिले के किसानों से अपील की है कि, बीमित कृषक कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर कराए अपनी शिकायतें दर्ज कराएं. इधर, आगरा में किसान नेता श्यामसिंह चाहर के नेतृत्व में किसानों ने सिटी मजिस्ट्रेट वेद सिंह चौहान को यूपी सीएम योगी के नाम ज्ञापन दिया. जिसमें सीएम योगी से प्रत्येक किसान को 50000 प्रति बीघा मुआवजा देने की मांग की है.
आगरा में पार्वती नदी का पानी गांव खेड़िया में खेतों में बाजरा की फसल में तबाह होने वाली है. पूर्व प्रधान अमरेश कुशवाह ने बताया कि पार्वती नदी में जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. जिससे गांव खेड़िया के खेतों में करीब 200 एकड़ बाजरे की फसल जलमग्न हो गई है. किसान धर्म सिंह ने बताया कि, पार्वती नदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है. सिंचाई विभाग के एसडीओ नाहर सिंह ने बताया कि पार्वती नदी में लगातार बारिश होने की वजह से गुरुवार को 3000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जिसकी वजह से ही पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ा है. शुक्रवार सुबह पानी निकासी पर रोक है. जिला प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए हैं.
गांव गावं फसलें जलमग्न या जमीन पर बिछ गईं
भारतीय किसान संघ प्रदेश मंत्री मोहन सिंह चाहर ने बताया कि, तीन दिन से लगातार हुई बारिश से किसानों की धान, बाजरा की फसल में नुकसान हुआ है. इसको लेकर महावीर प्रधान और भाजपा नेता चौधरी नेम सिंह के साथ किरावली तहसील के गढ़िमा, भड़ीरी, साधन, अरदाया, अरुआ,व्यारा, नयाबास, नगला लक्ष्मण, मांगरोल, नगरिया में दौरा करके फसलों के नुकसान का जायजा लिया. बातचीत में किसानों ने बताया कि बारिश ने फसलों को पूरी तरह खत्म कर दिया है.
फसलों के नुकसान का आंकलन कराया जाए
किसान नेता मोहन सिंह चाहर ने बताया कि, छःपोखर, नरीपुरा, अगनपुरा में किसानों की उगाई सब्जियों की खेतों में पानी भरने से खराब हो गई हैं. बारिश और तेज हवा की वजह से कहीं पर धान और बाजरा की फसल खेतों में बिछ गई तो कहीं पर पानी में डूबी हुई है. जिला प्रशासन से मांग की है कि शीघ्र किसानों की फसलों में हुई क्षति आंकलन कराया जाए. जल्द से जल्द किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए. इस बारे में एसडीएम किरावली को ज्ञापन दिया है.
किसान करें इस नंबर टोल फ्री नम्बर-14447 पर कॉल
आगरा में बारिश से खरीफ मौसम में उगी फसलें खेतों में जलमग्न हैं. जलमग्न फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए फसल बीमा का किसान लाभ उठा सकते हैं. आगरा के कृषि उप कृषि निदेशक पुरूषोत्तम कुमार मिश्रा ने बताया कि, किसानों से अपील की है कि, बीमित कृषक कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर कराए अपनी शिकायतें दर्ज कराएं. बारिश से खरीफ की फसलें जैसे बाजरा. अरहर, धान, तिल व उर्द मूंग में जलभराव से जो नुकसान हुआ है. उसका मुआवजा मिल सके. आगरा में फसल बीमा के कवरेज के लिए एचडीएफसी एगो बीमा कम्पनी काम कर रही है. कंपनी का टोल फ्री नम्बर-14447 है. जिस पर किसान भाई अपनी फसलें बाजरा, धान व अरहर की फसलें क्षतिग्रस्त की कायत दर्ज कराएं.
सिटी मजिस्ट्रेट को दिया ज्ञापन दिया
आगरा में किसान नेता श्यामसिंह चाहर के नेतृत्व में किसानों ने सिटी मजिस्ट्रेट वेद सिंह चौहान को यूपी सीएम योगी के नाम ज्ञापन दिया. जिसमें किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने सीएम योगी से प्रत्येक किसान को 50000 प्रति बीघा मुआवजा देने की मांग की है. जिलमें करीब 200 से अधिक मकान धराशाई हुए हैं. ऐसे में सरकार हर व्यक्ति को 10 लाख रुपए का मुआवजा दे. समाज सेवी गीतम सिंह भगोर ने बताया कि, खारी नदी व पार्वती नदी में आई बाढ़ से किसानों की खेतों में खडी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं हैं.
गांव-गांव पहुंचे किसान
किसान नेता श्याम सिंह चाहर के साथ ही गीतम सिंह बागोर, जितेंद सिंह, गजेंद सिंह चाहर, योगेंद्र चौधरी, धर्मेंद्र सिंह, जयपाल सिंह, वासुदेव काका नेहरू, राम विजेंद्र सिंह, करतार सिंह, वीरेंद्र सिंह, रज्जो काका, रणधीर सिंह, कमल सिंह, हरदम सिंह, राजबहादुर, राकेश के साथ गांव गांव पहुंचे. उन्होंने खेड़ा जाखोड़ा, जरुआ कटरा, नैनाना जाट, खेड़ा बागोर, गामरी,मनखेड़ा, लाडम, कुठावली, बिसेहरा, मुरलिया, बाद, ककुआ, इटौरा, में किसानों की खेत में बर्बाद फसल देखी.
चंबल से 40 गांव में बाढ़ का खतरा
चंबल नदी का जलस्तर अभी खतरे के निशान 130 मीटर से अभी सात मीटर दूर है. मगर, नदी के तटवर्ती गांव रेहा, बरेड़ा, कछियारा, पिनाहट घाट, क्योरी बीच का पुरा, क्योरी ऊपरी पुरा, उमरेठा पुरा, झरनापुरा, पुरा डाल, पुरा शिवलाल, गुडा, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, भगवानपुरा, सिमराई गॉसिल, धोबूपुरा, नदगवां समेत 40 गांव में बाढ़ का खतरा है. इन गांवों के रास्ते में चंबल का पानी पहुंच गया.
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