CIRG Mathura: पशुपालन एवं डेयरी विभाग और केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान की ओर से मथुरा में सोमवार सुबह राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ शुरू होगा. ये देश का पहला राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ है।
मथुरा, उत्तर प्रदेश
CIRG Mathura: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में फरह के पास मखदूम स्थित केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (Central Goat Research Institute) में देश का पहला राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ (National Goat Mahakumbh) सोमवार सुबह शुरू होगा। ये पशुपालन एवं डेयरी विभाग (Department of Animal Husbandry and Dairy) के सहयोग से आयोजित हो रहा है। इस (CIRG Mathura) अवसर पर राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ (National Goat Mahakumbh) एवं कृषि-औद्योगिक प्रदर्शनी भी लग रही है।
देश के पहले राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ (CIRG Mathura) में मथुरा, आसपास के जिलों के साथ ही देश के 18 राज्यों से बकरी पालक (Goat Rearers), पशु पालक (Animal Breeders) , किसान (Farmers), वैज्ञानिक (Scientists), शोधकर्ता (Researchers), छात्र (, Students), शिक्षण संस्थान (Educational Institutions) और कृषि उद्यमी (Agricultural Entrepreneurs) शामिल होने आ रहे हैं। जिन्हें राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ में तमाम जानकारी मिलेगी। राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ में आने वाले बकरी पालकों को बेहतरीन नस्ल की बकरियां और वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन की जानकारी भी मिलेगी।
CIRG Mathura: राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ को सज गया संस्थान (The institute is ready for the National Goat Maha Kumbh)
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) से सम्बद्ध केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मथुरा (CIRG Mathura) जिले में फरह के गांव मखदूम में स्थित है। जहां पर बकरियों पर उच्च स्तरीय शोध एवं उन्नत नस्लों के विकास को लेकर रिसर्च होती है। जिसमें सोमवार सुबह राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ एवं कृषि-औद्योगिक प्रदर्शनी लगाई जा रही है। राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ में देशभर के बकरी पालक, उन्नतशील किसान किसान, पशु वैज्ञानिक, कृषि वैज्ञानिक, शोधकर्ता, छात्र, शिक्षण संस्थान और कृषि उद्यमी बड़ी संख्या में शामिल होने पहुंच रहे हैं।
3000 अधिक बकरी पालक समेत अन्य आएंगे (More than three thousand goat rearers, farmers and animal rearers)
राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ आयोजन समिति के सचिव डॉ. एके दीक्षित ने बताया कि देश के पहले राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ में देश के कृषि वैज्ञानिक, कृषि उद्योग जगत से जुड़े उद्यमियों के साथ ही 18 राज्य से अधिक से पशु पालक, बकरी पालक और किसान आए हैं। National Goat Mahakumbh में करीब 3000 किसान और पशु पालक के साथ ही 40 से अधिक प्रगतिशील किसान व पशुपालक आ रहे हैं। इनमें वैज्ञानिक तरीक से बकरी का पालन कर रहे हैं। जो व्यवसायिक बकरी पालन कर रहे हैं।
National Goat Mahakumbh:स्टॉल्स से मिलेंगी नई जानकारियां (New information will be available from the stalls)
राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ आयोजन समिति के (National Goat Mahakumbh Organizing Committee Secretary) सचिव डॉ. एके दीक्षित ने बताया कि बकरी महाकुंभ में बकरी पालन के क्षेत्र में कार्य करने वाली सरकारी संस्थाओं के साथ ही निजी संस्थाओं की 42 से अधिक स्टॉल भी लगेंगी। जिनसे यहां आने वाले किसान, पशु पालक और बकरी पालकों को नई नई जरूरी जानकारी मिलेगी। पशुपालन एवं कृषि तकनीकी प्रदर्शन, उच्च नस्ल के बकरे-बकरियों का प्रदर्शन, प्रगतिशील बकरी पालकों का सम्मान एवं पुरस्कार दिया जाएगा।
CIRG Mathura: आगरा में होगी एकदिवसीय सेमिनार (One-day seminar will be held in Agra)
आयोजन समिति के सचिव डॉ. एके दीक्षित ने बताया कि राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ के बाद 19 नवंबर को आगरा में एक दिवसीय सेमिनार भी होगा। ये सेमिनार संजय प्लेस में एमजी रोड स्थित होटल होली डे इन में होगा। जिसमें “अमृतकाल-2047 बकरी क्षेत्र के लिए नीति और रणनीतियां” विषय पर चर्चा होगी। जिसमें बकरी पालन से जुड़ी चुनौतियों और उनके समाधान को लेकर विशेषज्ञ मंथन करेंगे। किसानों और वैज्ञानिकों के परस्पर संबंधों को बेहतर बनाने के साथ-साथ महत्वपूर्ण शोध एवं अनुसंधान पर भी चर्चा की जाएगी।
CIRG Mathura: लोगों को बकरी पालन के बारे में जागरूक करना (Making people aware about goat rearing)
आयोजन समिति के सह सचिव डॉ. गोपाल दास ने बताया कि राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ का मुख्य उदेश्य बकरी पालक, पशु पालक और किसानों को नई तकनीक एवं वैज्ञानिक तरीक से बकरी प्रबंधन की जानकारी देने के साथ ही बकरी पालन के बारे में जागरूक करना हैं। जिससे ये सभी के आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। उनकी आय में वृद्धि होगी। इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों एवं महिला किसानों के विकास एवं सशक्तिकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। राष्ट्रीय बकरी महाकुंभ आयोजन समिति के सह सचिव डॉ. गोपाल दास ने बताया कि यहां पर आने वाले किसान, पशु पालक और बकरी पालक को नई जानकारियों एवं अत्याधुनिक तकनीक से रूबरू होने का एक बड़ा अवसर है। बकरी पालन के क्षेत्र में नवाचारों को समझकर किसान अपनी उत्पादकता और आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकेंगे।
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