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Bajra MSP: Rajasthan में MSP पर बाजरे की खरीद अटकी, राजस्थान सरकार ने इस वजह से खींचे हाथ

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Bajra MSP: राजस्थान में इस बार भी एमएसपी पर बाजरे की खरीद संभव नहीं होती दिख रही है। केंद्र सरकार से बजट देने से इनकार करने पर राजस्थान सरकार अब बाजरे की सरकारी खरीद से पीछे हट गई है। हालांकि, अभी तक शासन स्तर से इस पर कोई ठोस 
निर्णय नहीं लिया गया है। 

जयपुर, राजस्थान

Bajra MSP in Rajasthan: राजस्थान की भजनलाल (CM Bhajanlal) सरकार इस साल भी बाजरे (Millet) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर खरीद नहीं कर सकेगी। राज्य सरकार (Rajasthan Government) ने केंद्र सरकार से एमएसपी (MSP) पर खरीद के लिए मंजूरी और बजट मांगा था। केंद्र सरकार से बजट नहीं मिलने पर राजस्थान में एमएसपी पर बाजरे की खरीद अटक गई है। केंद्र से बजट नहीं मिलने से राजस्थान सरकार (Bajra MSP) बिना एमएसपी पर बाजरे (Millet) की खरीद का काम आगे नहीं बढ़ा सकती है। राज्य सरकार इसलिए तो इस साल भी एमएसपी पर बाजरे की खरीद से इनकार कर चुकी है।

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने इस मामले में केंद्र सरकार (Central Government) को चिट्ठी लिखकर एमएसपी पर बाजरे की खरीद की मांग और बजट की मांग की थी। लेकिन मंजूरी नहीं मिली। इस साल बाजरे पर 2625 रुपए प्रति क्विंटल का एमएसपी है। लेकिन बाजार में किसानों को यह भाव नहीं मिल पाता। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बाजरे की सरकारी खरीद के मुद्दे पर खाद्य मंत्री सुमित गोदारा के जवाब के दौरान खूब हंगामा हुआ था।

Bajra MSP: अगले साल बाजरे की MSP पर खरीद को उठाएं कदम (Take steps to purchase millet on MSP next year)

राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने किसानों से एमएसपी पर बाजरा खरीदने की संभावनाओं पर कदम उठाने का आश्वासन दिया था। उन्होंने बजट सत्र में सरकार की तरफ से आश्वासन दिया था। लेकिन इसे लेकर बजट तय नहीं हो पाया। राजस्थान में एमएसपी पर बाजरा खरीदने के लिए करीब 1400 करोड़ का बजट चाहिए। इस बारे में खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि सरकार प्रयास कर रही है। अगले साल बाजरे की MSP पर खरीद के लिए कदम उठाए जाएंगे।

राजस्थान में पैदा होता है देश का 31 फीसदी बाजरा
(Photo Credit: Kisan Voice)

Bajra MSP : हरियाणा में बाजरे की सरकारी खरीद (Government purchase of millet in Haryana)

बता दें कि हरियाणा में पिछले कई साल से एमएसपी पर बाजरे की खरीद हो रही है। राजस्थान के किसानों को लंबे समय से एमएसपी पर बाजरे की खरीद का इंतजार है। केंद्र की कांग्रेस सरकार के दौरान साल 2011-12 में एमएसपी पर बाजरा खरीदने की शुरुआत हुई थी। लेकिन उस दौरान 1000 टन बाजरा भी नहीं खरीदा गया था। उसके बाद पिछले 13 साल में राजस्थान में बाजरे की एमएसपी पर खरीद नहीं हुई है।

राजस्थान में पैदा होता है देश का 31 फीसदी बाजरा (31 percent of the country’s millet is produced in Rajasthan)

भारत में बाजरे की बात करें तो देश में सबसे अधिक बाजरे का उत्पादन राजस्थान में होता है। राजस्थान में देश का करीब 31 फीसदी बाजरा पैदा होता है। देश में बाजरे की पैदावार में राजस्थान नंबर वन राज्य है। लेकिन यहां प्रभावी तरीके से कभी बाजरे की एमएसपी पर खरीद का सिस्टम विकसित अभी तक 13 साल में नहीं हुआ है। जबकि, हर साल औसतन 40 से 45 लाख टन बाजरे की पैदावार राजस्थान में होती है। राज्य में बाजरे का उत्पादन बारिश पर निर्भर करता है। बारिश के आधार पर राजस्थान में बाजरे का उत्पादन घटता-बढ़ता रहता है।

राजस्थान में बाजरे की एमएसपी खरीद का मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा
(Photo Credit: Kisan Voice)
बाजरे की एमएसपी खरीद का मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा (The matter of MSP purchase of millet reached the High Court)

राजस्थान में बाजरे की एमएसपी पर खरीद नहीं होने का मुद्दा हाईकोर्ट (High Court Rajasthan) तक पहुंचा चुका है। बाजरे पर एमएसपी तय होने के बावजूद इसकी सरकारी खरीद नहीं होने पर किसान कल्याण समिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। इसी याचिका के जवाब में राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश किया है। जिसमें सरकार ने साफ कर दिया है कि इस साल एमएसपी पर बाजरे की खरीद नहीं होगी।

बाजरे को लेकर ये मांग भी आगे नहीं बढ़ी (This demand regarding millet also did not move forward)

दरअसल, राजस्थान में बाजरे की एमएसपी पर खरीद अटकने के साथ ही अन्य बाजरे को लेकर लंबे समय से चल रही ये मांग अभी तक पूरी नहीं होगी। राज्य सरकार पहले मिड-डे मील में बाजरा और मोटे अनाज देने की योजना पर काम कर रही थी। लेकिन फिलहाल ये योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। सर्दियों में राशन में गेहूं की जगह बाजरा देने की योजना पर भी राज्य सरकार ने विचार किया था। लेकिन जब तक एमएसपी पर बाजरा नहीं खरीदा जाएगा। तब तक ये होना संभव नहीं है। इस साल एमएसपी पर बाजरे की खरीद नहीं होने से सर्दियों में राशन में बाजरा देने की शुरुआत नहीं हो सकेगी।

A: केंद्र सरकार ने देश में बाजरे का उत्पादन बढ़ाने के लिए बाजरे के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में बढ़ोत्तरी की घोषणा की थी। जिससे किसानों को फसल का सही मूल्य मिले। जिससे देश में बाजरा का उत्पादन बढ़े। केंद्र ने 2024-25 सीजन के लिए बाजरा का एमएसपी रेट 125 रुपये बढ़ाकर 2625 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।

A: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते दिनों सत्र 2025-26 विपणन सत्र के लिए प्रमुख रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 2.4-7 प्रतिशत की वृद्धि की थी। जिसके तहत सत्र 2024-25 के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य 6.59 प्रतिशत बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल से 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

A: एमएसपी में 23 फसलें आती हैं। जिनमें अनाज की बात करें तो धान, गेहूं, जौ, मक्का, रागी, ज्वार, बाजरा शामिल हैं। इसके साथ ही दालों में चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर की दाल शामिल है।

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