Agra Nagar Nigam: महानगर के मिनी सदन से प्रदेश के उच्च और देश के सर्वोच्च सदन तक जिस भाजपा का बाहुल्य उसके ही एक एमएलसी को अपनी पूरी बात किये बिना ही सदन से लौटना पड़ा। उनके पास समस्याओं और उनके समाधान के लिए सुझावों की फेहरिस्त थी। मेयर की बातें सुन एमएलसी चुप हो गए। कुछ देर में ही वे सदन से बाहर चले गए। लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। सवाल यह है क्या विधायक का नगर निगम के सदन में अपमान हुआ या उन्होंने सदन के नियमों की अवहेलना? पढ़िए पूरी…।
आगरा, उत्तर प्रदेश
Agra Nagar Nigam: देश में कई राज्यों में चुनाव तो उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। चुनावों के परिणामों के बीच ही शनिवार को आगरा नगर निगम में सदन हुआ। इस सदन में ऐसा वाक्या हुआ जो चर्चा का विषय बन गया। भाजपा एमएलसी नगर निगम के सदन में पहुंच गए। उन्होंने महाराष्ट्र में सरकार बनने और यूपी के उपचुनावों में प्रचंड जीत की बधाई देना बैठे-बैठे ही शुरू किया तो कुछ देर बाद खड़े हो गए। शहर की सुंदरता और हवा की स्वच्छता को लेकर मेट्रो और टोरंट की मनमानी पर हमला बोलते हुए सुझाव देने लगे तो मेयर हेमलता दिवाकर बोलीं विधायक जी ये बजट सत्र है आप बजट पर चर्चा कराना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। सुझाव हैं तो लिखित में दे दें। यह सुन विधायक बैठ गए और कुछ देर में ही वहां से चले गए। इस वाक्या को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। लोग तो इसे विधायक का अपमान तक मानने लगे हैं।
महापौर हेमलता दिवाकर ने नगर निगम में शनिवार को नगर निगम और जलकल विभाग के पुनरीक्षित बजट के लिए सदन आहूत किया था। निर्धारित समय 11 बजे से कुछ देरी के बाद भाजपा के एमएलसी विजय शिवहरे सदन में पहुंचे। कुछ मिनटों में ही उन्होंने माइक हाथ में ले लिया और सदन में बैठे-बैठे ही बोलना शुरू कर दिया। भाजपा की महाराष्ट्र में सरकार बनने और उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव में प्रचंड जीत की बधाई महापौर को देने लगे। कुछ देर बाद वे बोलते-बोलते खड़े हुए और शहर हित में समस्याओं को गिनाते हुए उनके समाधान के लिए सुझाव देने लगे। पहले उन्होंने प्रदूषण को लेकर मेट्रो कॉरपोरेशन को घेरा। जहां-जहां काम हो रहा है वहां सुबह-शाम पानी का छिड़काव अनिवार्य रूप से कराए जाने के लिए कहा। इसके बाद टोरंट पापर को घेर लिया। उन्होंने कहा कि टोरंट की मनमानी से सड़कें बर्बाद हो रही हैं। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 100 मीटर की परमिशन लेकर उसी से कई-कई स्थानों पर रोड कटिंग की जा रही है। उन्होंने पार्षदों से कहा कि जहां भी रोड कटिंग हो तो उनसे परमिशन जरूर मांगें। इसके बाद और सुझाव देने वाले ही थे कि मेयर हेमलता दिवाकर ने उनका सदन में आने के लिए स्वागत करते हुए कहा कि विधायक जी ये बजट सत्र है। आप बजट पर चर्चा कराना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। कोई सुझाव हैं तो मुझे लिखित में दे दें। मेयर की बातें सुनते ही तत्काल एमएलसी विजय शिवहरे बैठ गए। चंद मिनटों बाद ही वे वहां से चले गए। उन्होंने नगर निगम और जलकल विभाग के बजट पर कोई चर्चा नहीं की।
क्या भाजपा एमएलसी का सदन में हुआ अपमान
नगर निगम के सदन से एमएलसी के इस तरह से सदन से बजट में आय-व्यय पर बिना चर्चा किये चले जाने को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। चर्चाओं पर विश्वास करें तो कुछ लोग तो इसे एमएलसी वियज शिवहरे का अपमान मान रहे थे। जो प्रदेश के उच्च सदन में अपनी बात रखते हैं उन्हें नगर निगम के भरे सदन में इस तरह बात रखने से रोकना कहीं न कहीं उनके मन को ठेस पहुंचाना है।
पार्टी बाहुल्य सदन में ही रख नहीं पाये पूरी बातें
लोगों का कहना था कि भले ही विजय शिवहरे नगर निगम के सदन में पदेन सदस्य हैं, लेकिन वे एलएलसी हैं। भाजपा एमएलसी होने के बाद भी पार्टी बाहुल्य वाले सदन में उन्हें अपनी पूरी बातें रखने का मौका नहीं दिया गया। जबकि कुछ पार्षद सदन में लगातार बजट से हटकर अपनी समस्याएं रखते नजर आये। हालांकि उन्हें भी मेयर ने बीच-बीच में टोका और रोका।
पंचायती राज के कार्यक्रम में भी हुआ था अपमान
पंचायती राज मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश शासन के पंचायती राज विभाग के सहयोग से बीते 19 नवंबर को होटल ताज कन्वेंशन सेंटर में पंचायत सम्मेलन का आयोजन किया गया था। मंच पर जगह न मिलने पर भाजपा के बाद दो विधायकों का पारा हाई हो गया था। उन्होंने हंगामा करते हुए सम्मेलन का बहिष्कार करने की बात कह डाली। उन्होंने अधिकारियों को आड़े हाथ भी लिया था। अपनी सरकार में मंच पर जगह न मिलने से उन्हें अपना अपमान महसूस हुआ था। सोशल मीडिया पर भी भाजपा विधायकों के अपमान से जुड़ा वीडियो वायरल हुआ था। बता दें कि हालांकि कुछ देर बाद साथी विधायक और अधिकारियों के समझाने के बाद ही शांत हुए थे।
बता दें कि पंचायत सम्मेलन में विधायकों के बैठने की व्यवस्था मंच के नीचे पहली पंक्ति में की गई थी। विधायकों में से केवल बाह की विधायक रानी पक्षालिका सिंह को मंच पर बैठाया गया था। प्रोटोकॉल के तहत वहां पहले से उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया बैठी हुईं थीं। सूत्रों की मानें तो महिला विधायक होने के कारण पक्षालिका सिंह को मंच पर जगह दी गई थी। मंच पर अकेले रानी पक्षालिका सिंह को देखकर फतेहपुर सीकरी के विधायक चौधरी बाबूलाल और फतेहाबाद के विधायक छोटे लाल वर्मा ने यह कहते हुए हंगामा किया कि उन्हें मंच पर क्यों नहीं बैठाया गया, जबकि कई-कई बार के विधायक हैं। दोनों विधायकों ने सम्मेलन का बहिष्कार करने की बात कही। दोनों विधायक सम्मेलन से जाने लगे। तभी विधायक पुरषोत्तम खंडेलवाल और अधिकारियों ने उनसे बात की। नाराज विधायकों को जैसे-तैसे शांत करके सम्मेलन का बहिष्कार करने से रोका। हंगामा होते देख बाह विधायक रानी पक्षालिका सिंह खुद ही मंच से नीचे उतर आईं और विधायकों वाली पंक्ति में बैठ गईं थीं।
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