Farmers Protest: शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने शनिवार को दिल्ली कूच की तैयारी की है। शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर शनिवार दोपहर करीब 12 बजे बढ़ेगा। जिसको लेकर हरियाणा पुलिस ने तैयारियां कर ली हैं। सुरक्षा के लिहाज से शंभू बॉर्डर के आसपास के गांवों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद की जा सकती हैं।
अंबाला, नई दिल्ली
Farmers Protest: अंबाला शहर से हरियाणा-पंजाब सीमा शंभू बॉर्डर पर तीसरी बार 14 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच के लिए अपनी तैयारी में जुटे हैं। शंभू बॉर्डर से ही 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच के लिए आगे बढ़ेगा। किसानों (Farmers Protest) का तीसरी बार दिल्ली कूच के लिए प्रयास है। इसको लेकर हरियाणा सीमा पर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स तैयार है। पुलिस ने बैरिकेडिंग करने के साथ ही पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त किया है। इसके लिए पुलिस ने अपनी रणनीति भी बनाई है। जिसके चलते ही हरियाणा पुलिस ने किसानों की दिल्ली कूच की दो कोशिशों को नाकाम कर दिया था। भले ही पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले तक छोड़े थे। जिसकी वजह से कई किसान घायल हुए थे।
बता दें कि शनिवार को किसानों ने दिल्ली कूच के लिए तैयार की है। किसानों के दिल्ली कूच की खबर मिलने पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए अपनी तैयारी की है। सुरक्षा के लिहाज से शंभू बॉर्डर के आसपास के गांवों में इंटरनेट सेवाओं को भी बंद करने की पुलिस की योजना है।
Farmers Protest: फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर पर डटे किसान (Farmers standing on Shambhu border since February 2024)
दरअसल, किसान लंबे समय से फसलों की एमएसपी पर खरीद सहित अन्य की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दस फरवरी 2024 से शंभू बार्डर पर किसान डटे हैं। इस दौरान कई बार किसानों ने अंबाला में प्रवेश करके दिल्ली कूच की कोशिश की। लेकिन, किसान आगे नहीं बढ़ पाए।
Farmers Protest: किसानों ने तैयार की विशेष रणनीति (Farmers prepared a special strategy)
शंभू बॉर्डर पर डटे किसान अपनी दिल्ली कूच की तैयारियों के साथ जुटे हैं। सर्दी में किसान अलाव जलाकर बैठे हैं। किसान दिल्ली कूच को लेकर रणनीति भी बना रहे हैं। यहीं पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों व ट्रकों में किसान मौजूद हैं। किसानों की दिल्ली कूच की रणनीति का पता चलने पर शंभू बॉर्डर पर हरियाणा सीमा में पुलिस ने अपनी तैयारियों को और पुख्ता की हैं। पुलिस की ओर से दीवार के ऊपर भी टीन शेड आदि लगाए जा रहे हैं। टिकैत के खनौरी बॉर्डर पर आने से जींद प्रशासन रहा सतर्क पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने पहुंचे।
डल्लेवाल को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को पत्र (Letter to provide medical facilities to Dallewal)
बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत नरवाना की ओर नहीं आए। लेकिन, दाता सिंहवाला बॉर्डर पर प्रशासन सतर्क रहा। इसके साथ ही जींद के डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने संगरूर के प्रशासन को पत्र लिखकर अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने को कहा है। डीसी ने कहा है कि डल्लेवाल के आमरण अनशन के चलते किसान खनौरी बॉर्डर पर एकत्रित हो रहे हैं। जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। ऐसे में पंजाब प्रशासन उचित कदम उठाए।
Farmers Protest: विरोध-प्रदर्शन बढ़ने की संभावना ( Protests likely to increase)
हरियाणा की बता करें तो दातासिंह वाला बॉर्डर पर अर्ध सैनिक व पुलिस बल की नौ टुकड़ियां तैनात हैं। डीसी ने कहा, डल्लेवाल के स्वास्थ्य में संभावित गिरावट या किसी अप्रिय घटना की संभावना को देखकर विरोध-प्रदर्शन बढ़ सकता है। इसके साथ ही जगजीत सिंह डल्लेवाल को तत्काल उचित चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करें। सुनिश्चित करें कि खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े और जींद जिला में कानून व्यवस्था बनी रहे। डीसी ने इसकी प्रति पंजाब व हरियाणा के मुख्य सचिव के साथ संगरूर प्रशासन को भी भेजी गई है।
Farmers Protest: सरकार कोर्ट की कितनी बात मानती है
शंभू बॉर्डर पर डटे किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि 14 दिसंबर को 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करेगा। शनिवार दोपहर करीब 12 बजे किसानों का जत्था दिल्ली की तरफ आगे बढ़ेगा। इस दौरान किसानों ने जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर चिंता जताई। इसके साथ ही डीसी अंबाला की ओर से डीसी संगरूर को पत्र लिखने पर सवाल उठाये। किसानों ने इस दौरान सरकार द्वारा वार्ता न करने का मुद्दा उठाया। किसानों ने इस अवसर पर सांसद रामचंद्र जांगड़ा के बयान की निंदा की। सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले पर पंधेर ने कहा सरकार को बातचीत करने और बल प्रयोग नहीं करने के लिए कहा गया है। अब देखते हैं कि सरकार कितनी बात सुप्रीम कोर्ट की मानती है।
कानून की पालन करने वालों के लिए फूल हमेशा से ही तैयार
किसान आंदोलन को लेकर अंबाला एसपी अंबाला एसएस भौरिया ने विशेष रणनीति बनाई हैं। उन्होंने बताया कि किसान कानून की पालना करें। अनुमति लेकर ही आगे जाएं। सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है। स्टेटस-को का आदेश है। कानून की पालन करने वालों के लिए हमारी ओर से हमेशा ही फूल तैयार हैं।
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