Potato Seeds Discount: उद्यान विभाग की ओर से किसानों को आलू बीज अब पांच सौ रुपये और सस्ता मिलेगा। योगी सरकार ने आलू बीज की दरों में कमी किए जाने का पत्र जारी किया है। इसके साथ ही जिन किसानों ने आलू बीज की बढ़ी दर पर पैसा जमा कराया है। उन किसानों को पैसा वापस दिया जाएगा।
लखनऊ/आगरा, उत्तर प्रदेश
Potato Seeds Discount: उत्तर प्रदेश के आलू किसानों के लिए अच्छी खबर है। योगी सरकार (Yogi Government) की ओर से किसानों (Potato Farmers) के लिए आलू के उन्नत बीज की विक्रय दरें निर्धारित कर दी हैं। सरकार ने विभिन्न श्रेणियों की विक्रय दर पर 500 रुपये प्रति क्विंटल (Potato Seeds Discount) की छूट देने की घोषणा की है। ये जानकारी प्रदेश सरकार में उद्यान राज्यमंत्री (Minister of State for Horticulture Dinesh Pratap Singh) दिनेश प्रताप सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि सरकारी आलू बीज (Potato Seeds) की उपलब्धता को सुगम बनाए जाने के उद्देश्य से विभागीय दरों में कमी की गई है। जिससे प्रदेश के आलू किसानों को सस्ती दर पर अच्छा आलू की बीज मिलेगा।
Minister of State for Horticulture (Independent Charge) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से हर साल प्रदेश के किसानों को नकद मूल्य पर आलू बीज उपलब्ध कराया जाता है। इस साल भी विभाग की ओर से किसानों से आलू के उन्नत बीज के लिए जिलेवार आवेदन मांगे थे। जिसमें प्रदेश के अधिकतर जिले में किसानों के आलू के बीज के लिए आवेदन किए हैं। आलू की बेल्ट आगरा, मथुरा, अलीगढ, हाथरस, एटा, कासगंज, मैनपुरी, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद समेत अन्य जिले में शामिल हैं। जहां पर आलू की बडे स्तर पर खेती की जाती है।
यूपी सरकार 40-45 हजार क्विंटल आलू का बीज वितरण करेगी (UP Government will distribute of potato seeds)
उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि उद्यान विभाग की ओर से प्रदेश में तय की गई दरों पर किसान आलू का बीज दिया जाएगा। प्रदेश में 6.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके लिए लगभग 24-25 लाख टन आलू बीज की आवश्यकता होगी। इस वर्ष उद्यान विभाग की ओर से प्रदेश के किसानों को 40-45 हजार क्विंटल आलू का बीज वितरित किया जाएगा।
सरकार ने कम किया आलू बीज का दाम (CM Yogi The government reduced the price of potato seeds)
उद्यान विभाग के उप निदेशक आगरा (Deputy Director Horticulture Department) धर्मपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आलू बीज की दरों में पांच सौ रुपये प्रति क्विंटल कम की हैं। सरकार की अब तय की गई दरों के मुताबिक ही किसानों को आलू बीज दिया जाएगा। सरकार ने आलू के साइज के हिसाब से 500 रुपये प्रति क्विंटल के बीज पर अनुदान देने की घोषणा की है। उप निदेशक उद्यान विभाग (Dharampal Singh) धर्मपाल सिंह ने बताया कि अब नई दरों पर ही किसानों को हर जिले में आलू का बीज दिया जाएगा। इसके साथ ही आलू बीज के वितरण में किसी तरह की कोई शिकायत ना आए। इस बारे में मंडल के सभी जिला उद्यान अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
आलू बीज की दरों में दी गई छूट
आलू बीज की श्रेणी | विक्रय दर | छूट के बाद विक्रय दर |
आधारित प्रथम | 3495.00 | 2995.00 |
आधारित द्वितीय | 3095.00 | 2595.00 |
ओवर साइज (प्रथम) | 2770.00 | 2270.00 |
ओवर साइज (द्वितीय) | 2710.00 | 2210.00 |
आधारित प्रथम ट्रुथपफुल | 2680.00 | 2180.00 |
प्रदेश में उद्यान विभाग को मिलती हैं ये प्रजाति (Horticulture Department gets these variety)
यूपी सरकार हर साल किसानों को आलू का बीज देती है। प्रदेश में आलू का बीज जिलेवार आवंटित किया जाता है। बात करें आगरा की तो उसे पिछले साल लगभग 4800 कुंतल आलू का बीज मिला था। इनमें मुख्य रूप से कुफरी बहार kufri bahar (3797) , ख्याति chip Sona, चिपसोना-1, चिप्सोना-2, सूर्या Surya, केसर Kesar, मोहन Mohan, आनंद Anand, पुखराज pukhraj आदि प्रजातियां शामिल हैं।
आलू बीज के तीन साइज (Three sizes of potato seeds)
उद्यान विभाग के अधिकारी की मुताबिक, शासन की ओर से किसानों को आलू का बीज तीन रूप में जाएगा। जिसमें पहला एफ-1, दूसरा एफ-2 और तीसरा ओवर साइज होता है. आलू की अधिकतर मात्रा एफ-1 और एफ-2 साइज की बुवाई होती है। प्रदेश में किसान भी सबसे अधिक एफ-1 और एफ-2 साइज के बीज की मांग करते हैं।
सरकार दे रही किसानों को सब्सिडी (potato subsidy)
सरकार हर साल प्रदेश के आलू किसानों (potato farmer) को कम दामों पर आलू की प्रजाति का बीज मुहैया कराया जाता है। इसके साथ ही सरकार की ओर किसानों को सब्सिडी भी दी जाती है। सरकार की ओर से सब्सिडी भी अच्छी खासी दी जाती है। तभी तो प्रदेश में सरकार के ओर से दिए जाने वाले आलू के बीज के लिए मारामारी होती है। उद्यान विभाग (Horticulture Department) के अधिकारियों के मुताबिक, प्रदेश में किसानों को आलू के बीज पर पिछले साल एक हजार रुपये प्रति कुंतल की सब्सिडी दी गई थी। ये सब्सिडी सभी प्रजातियों (potato varieties)पर किसानों को मिली थी।
आलू की बुवाई से पहले इन बातों का ध्यान रखें (Keep these things in mind before sowing potatoes)
देश में आलू की खेती की बात करें तो दो अगेती (early) और एक पिछेती आलू की बुवाई की जाती है। देश में आलू की अगेती बुवाई 15 सितंबर से 25 सितंबर तक होती है। इसके साथ ही आलू की पछेती बुवाई 15 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच की जाती है। मगर, देश में तमाम किसान भाई 15 नवंबर से 25 दिसंबर के बीच भी आलू की पछेती बुवाई भी करते हैं।
आलू की बुवाई से पहले ये बातें रखें ध्यान (Keep these things in mind before sowing potatoes)
- आलू की बुवाई से पहले खेत की अच्छे से जुताई करके भुरभुरा बना लें।
- खेत में गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद डालकर मिट्टी को उपजाऊ बनाएं।
- मिट्टी परीक्षण के आधार पर खेती में जरूरी उर्वरकों का इस्तेमाल करें।
- आलू की खेती को रोग प्रतिरोधी व अच्छी पैदावार देने वाली किस्में चुनें।
- आलू के बीजों को बुवाई से पहले दो से तीन दिन तक धूप में जरूर रखें।
- आलू के बीज की बुवाई के समय कतारों में 60-75 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
- आलू की बुवाई में कतारों में बीजों के बीच 20-25 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
- आलू की बुवाई के बाद जमीन में आलू बीज को 5-7 सेंटीमीटर गहराई में बोएं।
- आलू की बुवाई के बाद खेत की जरूरी और नियमित रूप से सिंचाई करें।
- आलू की कटाई तब करें जब आलू की पत्तियां पीली हो जाएं और गिरने लगें।
यूपी में नलकूप विद्युत आपूर्ति के लिए 600 करोड़ स्वीकृत (600 crores approved for tube well power supply in UP)
प्रदेश में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली समेत अन्य कृषि योजनाओं के लिए 633.97 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इस बारे में प्रदेश के कृषि मंत्री (Agriculture Minister Surya Pratap Shahi) सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि निजी नलकूप विद्युत आपूर्ति (private tube well power supply) के लिए 600 करोड़ रुपये, खाद्य पोषण सुरक्षा (food nutrition security) के लिए 31.35 करोड़ रुपये और बीज ग्राम योजना (Beej Gram Yojana) के लिए 2.62 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।
यूपी में बंद पड़े 79 कोल्ड स्टोरेज अब पीपीपी मोड पर संचालित होंगे ( closed cold storages in UP, now be operated PPP mode)
यूपी में सहकारी संघों के बंद और निष्क्रिय पड़े कोल्ड स्टोरेज को अब निजी भागीदारी से संचालित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार के सहकारिता विभाग ने प्रदेश में बंद कोल्ड स्टोरेज को उबारने और पुनः संचालित करने की पहल शुरू की है। यूपी की बात करें तो सहकारी समितियों के 84 कोल्ड स्टोरेज हैं। जिनमें 79 बंद व निष्क्रिय पड़े हैं। इन कोल्ड स्टोरेज पर लगातार कर्ज भी बढ़ रहा है। बंद और बेकार पड़े शीतगृहों पर यूपी कोआपरेटिव बैंक का 64.09 करोड़ रुपये और जिला सहकारी बैंकों का 48.52 करोड़ रुपये बकाया है। इसके साथ ही विद्युत विभाग का भी 5.30 करोड़ रुपये इन कोल्ड स्टोरेज पर बकाया है।
आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएं (Modern facilities should also be provided)
प्रदेश सरकार के सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर (JPS Rathore) ने बताया कि इन कोल्ड स्टोरेज को न सिर्फ संचालित करने बल्कि मौजूदा जरूरतों को देखते हुए इन्हें बहुउद्देशीय बनाने के प्रयास शुरू किए जाएंगे। बंद पड़े कोल्ड स्टोरेज को पीपीपी माडल पर चलाने के लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सरकार की कोशिश होगी कि बंद कोल्ड स्टोरेज में तमाम आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएं।
कोल्ड स्टोरेज में प्याज, टमाटर और अन्य सब्जियों का भंडारण (Storage of onions, tomatoes and other vegetables)
प्रदेश सरकार के सहकारिता राज्य मंत्री (State Minister of State for Cooperatives) जेपीएस राठौर ने बताया कि प्रदेश में जो बंद हैं। उन कोल्ड स्टोरेज सिर्फ आलू के भंडारण के काम ही न आएं। इन कोल्ड स्टोरेज में प्याज, टमाटर और अन्य सब्जियों का भंडारण भी किया जा सके। इस ओर से पूरा फोकस हैं। जिससे सब्जियों के दामों में अनावश्यक बढ़ोतरी पर भी कुछ हद तक लगाम लगेगी।
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